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भारतीय मूल के दो लोगों को अमेरिका में मिली अहम जिम्मेदारी..

भारतीय मूल के दो अमेरिकियों ने शीर्ष पदों पर आसीन होकर इतिहास रच दिया। अरुणा मिलर और विवेक मुलक ने अमेरिकी राज्यों मैरीलैंड और मिसौरी के उपराज्यपाल और कोषाध्यक्ष (वित्त मंत्री) के रूप में शपथ ली है। भारत में पैदा हुईं अरुणा मिलर ने अमेरिका के मैरीलैंड राज्य की पहली इंडियन अमेरिकन लेफ्टिनेंट गवर्नर बनी।

अरुणा मिलर ने भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली और पद संभाला। 58 साल की अरुणा का जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ था। वे 1972 में अपने परिवार के साथ अमेरिका गई थीं। उन्हें साल 2000 में अमेरिका की नागरिकता मिली थी। अरुणा मैरीलैंड राज्य की 10वीं लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं। 2010 से 2018 तक वे मैरीलैंड के हाउस ऑफ डेलीगेट में भी रही थीं। उन्होंने वहां अपने दो कार्यकाल पूरे किए थे। अरुणा भारतीय-अमेरिकी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। लेफ्टिनेंट गवर्नर के चुनाव में कई ट्रम्प समर्थकों ने उनका समर्थन किया था।

अमेरिका में भारतीय मूल के 45 वर्षीय विवेक मुलक यूएस के मिसौरी राज्य में पहले गैर अमेरिकी कोषाध्यक्ष (वित्त मंत्री) बन गए हैं। मिसौरी के गर्वनर माइक पार्सन ने खुद ट्वीट कर इसके बारे में पुष्टी की। पार्सन ने एक ट्वीट में कहा कि मैं विवेक मलिक को मिसौरी का वित्त मंत्री नियुक्त कर रहा हूं।

विवेक ने मिसौरी से ही स्टेट आडिटर चुने गए स्काट फिट्जपैट्रिक की जगह ली है। पार्सन ने विवेक की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब मिसौरी के नागरिकों का पैसा विवेक के हाथों में है, वह मिसौरी के लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विवेक मूल रूप से हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने 2002 में अमेरिका में साउथ ईस्ट मिसौरी स्टेट युनिवर्सिटी से मास्टर्स किया है, और बाद में वह वहीं बस गए।

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