यूक्रेन की सेना आम लोगों को दे रही हथियारों की ट्रेनिंग
नई दिल्ली
यूक्रेन और रूस के बीच तनाव जारी है हालांकि यह तनाव कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी बीच यूक्रेन से कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यह तस्वीरें तब सामने आई हैं जब हाल ही में यह बताया गया कि यूक्रेन की सीमा पर रूस बड़ी संख्या में अपने सैनिकों और सैन्य उपकरणों की फौज खड़ी कर रहा है। इसके बाद यूक्रेन की सेना वहां के नागरिकों को बंदूक और अन्य हथियारों की ट्रेनिंग देने लगी। इतना ही नहीं इनमें बच्चे और औरतें भी शामिल हैं। सेना ने कई जगहों पर पोस्टर लगाकर इसकी शुरुआत कर दी है। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के बीच यूक्रेन के सैनिक अपने नागरिकों को हथियारों की ट्रेनिंग दे रहे हैं। 'डेली मेल' समेत कई अन्य मीडिया संस्थानों ने इस ट्रेनिंग की तस्वीरें जारी करके बताया है कि संभावित रूसी हमले के खतरे को देखते हुए यूक्रेन के आम लोगों ने भी कमर कस ली है। आम लोग अपनी सेना के साथ मिलकर डमी हथियारों के जरिए सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इतना ही नहीं यूक्रेन के कई शहरों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए पोस्टर्स लगाए गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना द्वारा लगाए गए इन पोस्टर्स पर बताया गया है कि अपने घर की रक्षा कैसे करें। इसके साथ अभ्यास में आम लोगों को हमले की छापामार तकनीक के साथ अन्य हथियार चलाने की मूल बातें बताई जा रही हैं। वायरल तस्वीरें में दिख रहा है कि यहां की सेना बच्चों और औरतों को भी डमी हथियारों को चलाने की तरकीब बता रही है। यहां के नागरिकों को लग रहा है कि अमेरिका और नाटो शायद ही उसकी रक्षा के लिए सेना भेजेंगे, इसलिए खुद ही रक्षा करनी होगी। इधर रिपोर्ट्स में जिक्र है कि रूसी सेना जमीन के साथ साथ समुद्र में भी यूक्रेन की घेराबंदी कर रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर डिप्लोमैट्स की बातचीत असफल होती है तो यूक्रेन की पूर्वी बॉर्डर पर युद्ध शुरू हो सकता है। हालत यह है कि नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेंबर्ग कह चुके हैं कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला कर भी देता है, तो हमारी योजना सेना भेजने की नहीं है। हालांकि रूस ने बार-बार इनकार किया है कि वह कोई आक्रमण की योजना बना रहा है, लेकिन उसने तर्क दिया है कि यूक्रेन के लिए नाटो समर्थन उसके पश्चिमी हिस्से पर बढ़ते खतरे को और बढ़ा रही है। बता दें कि पिछले दिनों यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव को लेकर भारत सरकार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर अपनी बात रखी। मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि हम यूक्रेन के हालात पर बारीकी ने नजर बनाए हुए हैं। हम चाहते हैं कि क्षेत्र के दीर्घकालिक शांति और स्थिरता के लिए लगातार राजनयिक कोशिशों के जरिए स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान हो।