विदेश

रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध बेअसर! रूबल की रिकॉर्डतोड़ वापसी, पुतिन ने बचा ली अर्थव्यवस्था

मॉस्को
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही रूस और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अमेरिका और पश्चिमी देशों ने प्रतिबंधों के जाल में जकड़ लिया और अमेरिका की तरफ से बार बार बयान आ रहे हैं, कि वो रूस को इतना ज्यादा कमजोर कर देगा, कि वो भविष्य में किसी को धमकी भी ना दे पाए। लेकिन क्या ऐसा वाकई हो पाएगा? एक्सपर्ट्स का मानना है कि, यूक्रेन में युद्ध के नफा-नुकसान की गणना करने में रूसी राष्ट्रपति ने भले ही कोई गलती की हो, लेकिन अर्थव्यवस्था को कैसे बचाया जाए, इसकी गणना में रूसी राष्ट्रपति ने कोई गलती नहीं की है और यही वजह है, कि अमेरिका की लाख कोशिशों के बाद भी रूबल काफी मजबूती के साथ मार्केट में डट गया है।
 
पुतिन का आर्थिक चमत्कार
प्रतिबंधों में जकड़े होने के बाद भी 29 अप्रैल को रूस की करेंसी रूबल, भारत की करेंसी रुपये से ज्यादा मजबूत हो चुकी है और ये एक आर्थिक चमत्कार से कम नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत पर कोई प्रतिबंध नहीं लगे हैं और भारत का एक्सपोर्ट भी मौजूदा वक्त में रिकॉर्ड लेवल पर है, फिर भी रूसी करेंसी रूबल काफी ज्यादा मजबूत हो चुका है। जिसके बाद अब पूरी दुनिया के अर्थशास्त्री हैरान हैं, कि आखिर कैसे रूस ने अपनी करेंसी रूबल को डूबने से बचा लिया है। 29 अप्रैल को एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का वैल्यू 76.51 था, जबकि रूबल का वैल्यू 71.47 था। यानि, भारतीय रुपये के मुकाबले रूसी करेंसी मजबूत हो चुकी थी।
 
बुरी तरह गिर गया था रूबल
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद जैसे ही रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगने शुरू हुए, डॉलर के मुकाबले रूसी डॉलर बुरी तरह से लुढ़कने लगा। लेकिन, फिर पुतिन ने सबसे बड़ी चाल चल दी। रूस ने अपने तेल खरीदारों यूरोपीय देशों को साफ कह दिया, कि डॉलर या यूरो के बजाय रूबल में अपना भुगतान करके ही वो अब रूस से प्राकृतिक गैस और तेल खरीद सकते हैं। एक महीने पहले डॉलर के मुकाबले रूबल का वैल्यू गिरकर 139 हो गया था, लिहाजा ये यूरोपीय देशों के लिए काफी ज्यादा सस्ता हो गया था और कुछ यूरोपीय देश खुश थे, जबकि कुछ अर्थशास्त्री रूस के फैसले पर हैरान भी थ, लेकिन 7 मार्च के बाद अचानक डॉलर के मुकाबले रूसी करेंसी डॉलर ने वापसी करनी शुरू की और इस न्यूज के लिखे जाने तक एक डॉलर के मुकाबले रूसी करेंसी 71.47 के वैल्यू पर पहुंच चुकी है, यानि, युद्ध शुरू होने के पहले की स्थिति में। यह एक काफी तेज उछाल है, जिसने मार्च महीने में रूबल को दुनिया में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बना दिया है।
 
रूस ने रूबल को कैसे किया ‘जिंदा’?
रूस के पास प्रतिबंधों से बचने का सबसे बड़ा हथियार है तेल और गैस। अमेरिका ने काफी ज्यादा प्रतिबंध तो लगाए, लेकिन हर प्रतिबंध में एक छेद रह गया, जिससे रूस से तेल और गैस का आयात नहीं रूके। रूस के खिलाफ लगाए गये प्रतिबंधों को ऐसे डिजाइन किया गया था, कि रूस किसी भी तरह से डॉलर और यूरो हासिल नहीं कर सके, लेकिन रूस ने रूबल में व्यापार शुरू कर अमेरिका को बड़ा झटका दिया। पुतिन जानते थे, कि यूरोपीय देशों के लिए अभी कई सालों तक रूस से तेल और गैस का आयात रोकना संभव नहीं है और उन्होंने इसका जमकर फायदा उठाया और एक दिन पहले प्रकाशित गार्डियन की रिपोर्ट में कहा गया है, कि पिछले साल यूरोपीय देशों ने रूस से जितना तेल और गैस खरीदा था, उससे दोगुना तेल और गैस यूरोपीय देश इस साल के शुरूआती चार महीनों में ही खरीद चुके हैं और ये रेवेन्यू 46 अरब डॉलर का है, यानि पुतिन के पास अब इतना पैसा जमा हो गया है, कि वो आसानी से यूक्रेन युद्ध को जारी रख सकते हैं।
 
चीन और भारत का मिला साथ
यूरोपीय देश लगातार भारत और चीन का नाम लेकर हल्ला कर रहे थे, ताकि उनकी तरफ किसी की नजर नहीं जाए, कि वो रूस से कितनी मात्रा में तेल और गैस खरीद रहे हैं, लेकिन अब इसका खुलासा हो गया है। लेकिन, पुतिन के हक में सबसे बड़ी ये बात थी, कि दुनिया की दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश ने यूक्रेन युद्ध में 'न्यूट्रल' रहकर रूस की बड़ी मदद कर दी। और भारत के साथ साथ सऊदी अरब भी रूस की अपनी करेंसी रूबल में व्यापार करने के लिए तैयार हो गया। भारत और रूस के बीच रूपया-रूबल ट्रेड शुरू करने पर बात की जा रही है, जिसने रूस की दिवालिया होने की चिंताओं को खत्म कर दिया और रूबल मजबूत होता चला गया।
 
पुतिन का शानदार और जानदार प्लान
रूबल को गिरने से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ रूस ने ब्याज दरों को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया। यानि, रूस के ऐसे लोग, जो रूबल बेचकर यूरो और डॉलर खरीदने की कोशिश में थे, उनके लिए अब ऐसा करना काफी महंगा हो गया। इसके बाद रूस ने अपने कारोबारियों के लिए एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया, कि वो विदेशों से होने वाली कमाई का 80 प्रतिशत हिस्सा रूबल में स्वैप करें। इसका मतलब यह है, कि एक रूसी स्टील निर्माता, जो फ़्रांस में एक कंपनी को स्टील बेचने के लिए उससे सौ मिलियन यूरो कमाता है, उसे एक्सचेंज रेट की परवाह किए बिना, उन यूरो में से 80 मिलियन यूरो को रूसी करेंसी रूबल में बदलना होगा। बहुत सी रूसी कंपनियां विदेशी कंपनियों के साथ अभी भी बहुत सारा कारोबार कर रही हैं, जिससे बहुत सारे यूरो और डॉलर और येन बन रहे हैं, जिसका 80 प्रतिशत रूसी कंपनियां देश की करेंसी रूबल में बदल रही हैं, लिहाजा बाजार में रूसी मुद्रा की डिमांड काफी ज्यादा हो गई है और रूबल मजबूत होता चला गया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Недавно открытый сайт предлагает широкий выбор лайфхаков для повседневной жизни, вкусных рецептов и полезных статей о садоводстве. Наши авторы делятся с вами своими секретами, чтобы упростить вашу жизнь, научить вас готовить вкусные шведские блюда и помочь вам выращивать здоровые продукты на вашем собственном огороде. Здесь вы найдете множество идей и советов для того, чтобы каждый день стал ярче и интереснее. Добро пожаловать на наш сайт! Smart knep för effektivt resultat: Konservera dina måltider för en smakexplosion i Rekordskörd: Otroligt antal potatisar skördas Det överraskande svaret Восстанавливающий блеск вашего паркета: волшебство 50-х годов без Är tonfisk verkligen kvicksilverhaltig: fördelar och faror med denna Skapa din egen mat: En middagsrätt som du Hur man gör lavendel större Sommarhemligheter för äppelbeskärning: Utforska havet av Tricks för Hur ofta Konst att bli kär i någon man: beprövade Det mest delikata äppelkompotten för vintern på kort Откройте для себя лучшие лайфхаки, кулинарные рецепты и полезные советы для огородников на нашем сайте! Узнайте, как легко и быстро приготовить вкусные блюда, как сохранить свежесть овощей и фруктов, а также как создать уютный и плодородный огород. Подписывайтесь на нашу рассылку и получайте еженедельные обновления с новыми идеями и советами. Добро пожаловать на наш сайт, где вы найдете все необходимое для здорового и вкусного образа жизни!