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WMO ने कहा- चीन में मौसम और जलवायु परिवर्तन की स्थिति बेहद गंभीर

बीजिंग
चीन इन दिनों प्रतिकूल मौसम का सामना कर रहा है। देश के कई हिस्से भीषण गर्मी और सूखे से जूझ रहे हैं, वहीं कई इलाकों में बाढ़ का भयंकर कहर जारी है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने यूरोप की तरह चीन में भी भीषण गर्मी की चेतावनी दी है और कहा है कि इसके लिए समय रहते जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। संगठन के कहा है कि आगले पांच साल के दौरान सभी देशों को जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम करके ग्रीनहाउस गैस को कम करना होगा।

चीन में जलवायु परिवर्तन की स्थिति भयावह
दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाला देश जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझ रहा है। देश में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के सहायक महासचिव डॉ वेंजियन झांग (Dr Wenjian Zhang) ने कहा कि चीन में मौसम और जलवायु परिवर्तन की स्थिति बेहद गंभीर है। देश के दक्षिणी हिस्से में भीषण गर्मी और सूखा है, जबकि उत्तर में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। चीन के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और सूखे की इस दोहरी स्थिति में आपदा को रोकने और राहत कार्यों के लिए कई चुनौतियां खड़ी की है। उन्होंने आगे कहा कि हम हम जलवायु परिवर्तन (climate change) के प्रभावों को साफ तौर पर देख रहे हैं।

भीषण गर्मी ने तोड़े कई रिकॉर्ड
चीन के मौसम विज्ञान प्रशासन ने बताया कि दक्षिणी चीन में 13 जून से भीषण गर्मी शुरू हुई थी। देश में 1961 से मौसम की स्थिति को रिकॉर्ड किया जा रहा है तब से लेकर यह सबसे भीषण गर्म साल रहा है। चीन में पड़ रही भीषण गर्मी ने 15 अगस्त तक 2013 के 62 दिनों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। चीन के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NMC) ने उच्च तापमान वाले 30 रेड अलर्ट जारी किया था। जलवायु पूर्वानुमानकर्ताओं (climate forecasters) ने अनुमान लगाया है कि देश में हीटवेव की स्थिति 26 अगस्त से कम होना शुरू हो जाएगी।

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