सेना भर्ती में डिग्री अमान्य करने का मामला: पीएम व रक्षा मंत्री से मिलेंगे संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपति
वाराणसी
सेना भर्ती में डिग्री अमान्य किए जाने के मामले पर देश के 18 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपति जल्द प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे। शुक्रवार को ऑनलाइन बैठक में सभी कुलपति जुड़े और सेनाभर्ती में शास्त्री की डिग्री अमान्य किए जाने के प्रकरण पर चर्चा की। साथ ही नई शिक्षा नीति के अनुसार संस्कृत शिक्षण, संरक्षण और नए पाठ्यक्रमों पर भी चर्चा की गई।
कर्नाटक संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. केई देवनाथन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई ऑनलाइन बैठक में शास्त्री की उपाधि का मुद्दा उठा। सभी कुलपतियों ने एक स्वर में कहा कि यह शास्त्री बीए और आचार्य एमए की डिग्री के समकक्ष है। तय हुआ कि सेना में धर्मगुरु पद के अध्यादेश में स्थायी समाधान के लिए 10 मार्च के बाद एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री एवं रक्षामंत्री से मिलकर त्वरित कार्यवाही की मांग करेगा।
संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि बैठक में च्वाईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में 2022-23 सत्र में लागू होने वाले पाठ्यक्रम के विषय के लिए चिंतन प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय संस्कृत विवि, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी, लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विवि, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक तथा राष्ट्रीय संस्कृत विवि, तिरुपति के कुलपति प्रो. राधाकान्त ठाकुर आदि ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में तकनीकी परियोजना के लिए आर्थिक सहयोग देने पर सहमति जताई। ऑनलाइन बैठक में प्रो. विजय कुमार मेनन कुलपति पाणिनी एवं वैदिक संस्कृत विवि (उज्जैन), प्रो. हरिहर होता कुलपति पुरी संस्कृत विवि, (उड़ीसा) आदि 18 कुलपति जुड़े थे।