लाइफस्टाइल

स्वास्थ्य मंत्रालय की कैंटीन में अब सिर्फ हेअल्थी खाना ही मिलेगा

सर्दियों के मौसम के दौरान कैंटीन से आती ब्रेड पकोड़े, समोसे और चाय की खुशबू जैसे कैंटीन में ही खीच लेती है। लेकिन अब यह ब्रैड पकोड़े और समोसे महज याद बनकर ही रह जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री ने ऑफिस कैंटीन में इन खाद्य सामग्रियों को पूरी तरह बैन कर दिया है।

बताया जा रहा है इन खाद्य सामग्रियों को बैन करने के पीछे की वजह, सेहत पर होने वाला नुकसान हैं। आइए विस्तार से जानते हैं आखिर क्यों यूनियन मिनिस्ट्री ने इन डीप फ्राइड फूड को ऑफिस कैंटीन से बैन किया है। 

​फ्राइड फूड की जगह मिलेंगे हेल्दी फूड

एनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह फैसला खुद यूनियन हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया के द्वारा लिया गया है। आपको बता दें कि वह सेहत को बेहद प्राथमिकता देते दिखाई देते हैं। वह अक्सर संसद तक साइकिल से आते हैं और नियमित रूप से एक्सरसाइज भी किया करते हैं।

साथ ही वह एक हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक अब कैंटीन के अंदर किसी भी तरह का डीप फ्राइड फूड यानी समोसा, ब्रेड पकोड़ा और अन्य किसी भी प्रकार के पकोड़े पूरी तरह बैन कर दिए जाएंगे। इसकी जगह लोगों को स्वस्थ आहार परोसा जाएगा जैसे मटर की स्टफिंग के साथ दाल चीला, बाजरे की रोटियां, करी, बाजरा पुलाव आदि। साथ ही इनकी कीमत महज 10 रुपए से शुरू होगी। इसमें ब्रेकफास्ट 25 रूपए और लंच 40 रूपए का होगा। इसके अलावा दाल चीला महज 10 रुपए में मिल जाएगा।

​समोसों और पकौड़ों को बैन करने की वजह

कोरोना के बाद के हालातों को सही रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। ज्ञात हो कि तले हुए भोजन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। जिसकी वजह से हृदय रोग और दिल का दौरा तक पड़ सकता है। ऐसे में स्वस्थ आहार किस तरह काम करेगा और लोगों पर इसकी प्रतिक्रिया क्या रहेगी यह देखने के लिए इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो मनसुख मंडाविया स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद से ही इस तरह के आहार को शुरू करने पर विचार कर रहे थे। जिसकी शुरुआत उन्होंने अक्टूबर 2021 में करी दी थी। 

​आयुष आहार का आगाज

इसके अलावा आयुष मंत्रालय द्वारा हेल्‍दी डाइट की आदतों को अपनाने के लिए मंत्रालय की कैंटीन में अपना आयुष आहार (Ayush Aahaar) प्रोजेक्ट भी शुरू कर दिया है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत इसी साल जनवरी में की गई थी। इस पायलेट प्रोजेक्ट में कैंटीन के अंदर सब्जी, पोहा, भजनी वड़ा, गाजर का हलवा और कोकम पेय जैसे आहारों को शामिल किया गया है। 

​क्‍या होगा इसका फायदा

अगर देखा जाए तो यह लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने और अच्छी आदतों को अपनाने के लिए एक बेहतरीन पहल है। इससे लोग स्वस्थ आहार की जरूरत को भी समझेंगे और बीमारियों से भी बचे रहेंगे। आप हमें जरूर बताएं कि आपको यह कदम कैसा लगा।

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