मध्य प्रदेश

पगडंडी के सहारे जंगल में छह किमी अंदर पहुंचे कलेक्टर-एसपी, यह थी वजह

बुरहानपुर ।    घाघरला गांव से लगे जंगल में बाहरी अतिक्रमणकारियों की मौजूदगी के चलते बीते एक माह से ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे थे। गुरुवार को कलेक्टर भव्या मित्तल, एसपी राहुल लोढ़ा और डीएफओ प्रदीप मिश्र करीब पांच सौ वन और पुलिसकर्मियों के साथ पगडंडी के सहारे जंगल में छह किमी अंदर पहुंचे। यहां अतिक्रमणकारियों के रात बिताने के अवशेष तो मिले, लेकिन एक भी अतिक्रमणकारी नजर नहीं आया। एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि बीते दो दिन से पुलिस की टीमें अतिक्रमणकारियों से बातचीत कर रही थीं। यहां तक कि खरगोन और बड़वानी में रहने वाले उनके परिवारजनों से भी बात की गई। जिसके बाद अतिक्रमणकारी घाघरला का जंगल छोड़कर चले गए हैं। अफसरों के जंगल पहुंचने और अतिक्रमणकारियों के जंगल से चले जाने की खबर सुनने के बाद घाघरला के ग्रामीण निश्चिंत नजर आए। उन्होंने जंगल की सुरक्षा में वन और पुलिस विभाग को पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया है। ज्ञात हो कि अतिक्रमणकारियों से निपटने के लिए वन विभाग ने प्रदेश के सात जिलों से 350 से ज्यादा कर्मचारी बुलाए थे। साथ ही प्रशासन ड्रोन कैमरों से लगातार जंगल की निगरानी कर रहा था।

घाघरला में खुलेगी अस्थायी वन चौकी

डीएफओ प्रदीप मिश्र ने बताया कि जंगल में दोबारा अतिक्रमण न हो इसके लिए घाघरला में अस्थायी वन चौकी खोली जाएगी। इस चौकी में हर समय 20 से 25 कर्मचारी मौजूद रहेंगे। ये कर्मचारी वन सुरक्षा समिति के सदस्यों और चरवाहों के संपर्क में रहेंगे। साथ ही लगातार जंगल में गश्त भी करेंगे। जंगल की सुरक्षा को लेकर गांव के युवाओं के साथ बैठक की जाएगी। उन्हें भी इस काम से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ड्रोन से लगातार निगरानी की व्यवस्था भी की जाएगी। कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया कि राजस्व विभाग का अमला भी निगरानी करेगा। संदिग्ध गतिविधियां नजर आने पर तुरंत इसकी सूचना देगा।

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