कृषि कार्यों के लिए किसानों ने जमीन बंधक रखकर लिया लोन
भोपाल
कृषि भूमि को बैंकों में बंधक रखने और उसे विमुक्त किए जाने का रिकार्ड राज्य सरकार रखती है। राजस्व विभाग द्वारा इसके लिए जो व्यवस्था तय की गई है, उसके मुताबिक प्रदेश में मौजूदा समय में 17706 किसानों की भूमि बैंकों में बंधक है और इसके साथ ही बैंकों की ओर से भूमि बंधन मुक्त किए जाने का आंकड़ा भी हजारों में है। सबसे अधिक बंधक भूमि के मामले विदिशा और खरगोन जिलों में हैं।
मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 (2) के अंतर्गत कृषि भूमि पर बंधक दर्ज किए जाने का प्रावधान है। इसके लिए एमपी भू अभिलेख पोर्टल पर भूमि बंधक माड्यूल तैयार किया गया है जिसमें एंट्री कर सरकार प्रदेश में बंधक भूमि का रिकार्ड रखती है। इस माड्यूल में बैंकों द्वार कृषि भूमि के बंधक दर्ज करने के आवेदन राजस्व न्यायालय में भेजने की सुविधा आनलाइन दी गई है। बैंक द्वारा जमीन बंधक दर्ज किए जाने के आवेदन के बाद यह संबंधित पटवारी के पास पहुंचता है और इसके बाद तहसीलदार इस पर कार्यवाही करता है। राज्य शासन ने इसे लोक सेवा गारंटी कानून के दायरे में रखा है और तीन दिन के भीतर भूमि बंधक दर्ज करने और तीन दिन में विमुक्त करने की समय सीमा तय की गई है।
इन जिलों में सबसे अधिक केस
प्रदेश में भूमि बंधक के सबसे अधिक मामले जिन जिलों में सामने आए हैं, उसमें खरगोन जिला 2207 केस के साथ सबसे आगे है जबकि 1541 केस निराकृत भी किए गए हैं। इसके बाद दूसरे नम्बर पर विदिशा जिले का नाम है जहां 1152 केस निराकरण के बाद 1296 मामले पेंडिंग हैं। इसके अलावा पांच सौ से अधिक दर्ज संख्या वाले जिलों में देवास में 926, बड़वानी में 850, धार में 762, रायसेन में 745, सागर में 671, सीहोर में 603 और उज्जैन में 582 केस शामिल हैं।
ये जिले सबसे कम केस दर्ज करने वालों में
जिन जिलों में इस माह में सबसे कम केस दर्ज हुए हैं, उनमें अलीराजपुर में सात, डिंडोरी में 21, मंडला में 22, शहडोल में 31 और सिंगरौली में 56 मामले शामिल हैं। इन जिलों में पिछले माह में भी केस दर्ज करने का आंकड़ा कम ही रहा है। हालांकि निराकरण के मामलों की अपेक्षा कुछ जिलों में इसमें वृद्धि हुई है।