भोपालमध्य प्रदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश से शुरू की थी राष्ट्र-व्यापी फसल बीमा योजना – मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में "मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ" अभियान का राष्ट्र-व्यापी शुभारंभ आज इंदौर के बरलई में किया। किसानों को फसल बीमा योजना की पॉलिसी वितरित की गईं। यह अभियान एक अनूठी पहल है, जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नामांकित किसानों को ग्राम पंचायत/ग्राम स्तर पर विशेष शिविरों के माध्यम से फसल बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी वितरित की जाएगी। अभियान का उद्देश्य योजना में नामांकित सभी ऋणी और गैर-ऋणी किसानों तक पहुँचना एवं उन्हें फसल बीमा के बारे में जागरूक करना भी है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत मध्यप्रदेश से ही की थी। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में "मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ'' योजना का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ भी मध्यप्रदेश से हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इस अभियान में गाँव-गाँव शिविर लगाए जाएंगे और किसानों को उनके घर पर ही बीमा पॉलिसी उनके हाथ में पहुँचाई जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। आरबीसी 6 (4) में भी किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों के हित में आरबीसी के नियमों में जरूरी संशोधन भी किये गये हैं। नियमों को सरल बनाया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हाल ही में 7,618 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों के खाते में जमा कराया गया है। अकेले इंदौर जिले में ही 380 करोड़ 54 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। आपदा के समय आरबीसी 6(4) में साढ़े 10 हजार करोड़ का मुआवजा दिया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 20 माह में किसानों के खाते में कुल 17 लाख 2 हजार 894 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई है। यह पहला मौका था, जब प्रदेश में इतनी बड़ी राशि किसानों के खाते में जमा की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की लगातार चिंता कर रहे हैं। किसान कल्याण के लिये नवाचार कर अनेक योजनाएँ प्रारंभ की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई का रकबा लगातार बढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में 43 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हो रही है, आगे यह रकबा 65 लाख हेक्टेयर किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों ने अथक परिश्रम कर प्रदेश में रिकॉर्ड कृषि उत्पादन किया है। इसके फलस्वरुप मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में देश में नंबर वन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर के बरलई में अपेरल रेडीमेड गारमेंट पार्क बनाया जायेगा। इस पार्क में लगभग एक हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। इससे लगभग 12 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। उन्होंने उपस्थित किसानों को अपने-अपने गाँव में स्वच्छता रखने, गौरव दिवस मनाने तथा पेड़ लगाने का संकल्प दिलवाया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा होने पर किसानों को नुकसानी का पूरा मुआवजा दिया जायेगा। बोवनी खराब होने पर भी उसका मुआवजा मिलेगा। वास्तविक नुकसानी की जानकारी प्राप्त करने के लिये मैदानी स्तर पर सघन सर्वें करवाया जायेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में "मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ'' अभियान का शुभारंभ मध्यप्रदेश के इंदौर से ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया था। तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन हो रहा है। हर किसान की जुबान पर इस योजना के लाभ की बात है। किसानों को संकट के समय उनकी भरपूर सहायता की गई है। किसानों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना प्रधानमंत्री मोदी की सोच और उनका संकल्प है। उनकी इस सोच और संकल्प को साकार करने के लिये पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं।

केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। जैविक उत्पादन के दाम भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। मध्यप्रदेश में जैविक खेती का रकबा बढ़ रहा है। साथ ही जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। फलस्वरूप जैविक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में अव्वल स्थान पर है। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए जरूरी है कि खेती की लागत कम की जाए। किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब दाम मिले और खेती-किसानी के लिए आधुनिक उपकरण और तकनीक का उपयोग किया जाए। इस दिशा में मध्यप्रदेश में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किए जा रहे हैं। तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश में योजनाओं की राशि का भुगतान किसानों के खाते में पारदर्शी रूप से हो रहा है। समर्थन मूल्य, फसल क्षतिपूर्ति की मुआवजा राशि सहित अन्य योजनाओं का पैसा किसानों के खाते में सीधे जमा हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसान देश की आत्मा है। किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे तो गाँव और देश का विकास होगा। देश को आत्म-निर्भर बनाने के लिये गाँव और किसान का कल्याण हमारी प्राथमिकता है।

जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि किसानों का विकास राष्ट्र का विकास है। किसानों का विकास एवं प्रगति हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि सांवेर क्षेत्र में तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से 180 गाँवों में नर्मदा जल पहुँचाने की योजना लाई गई है। जल जीवन मिशन से हर घर में नल से जल पहुँचाने की योजना प्रारंभ की गई है। सिंचाई सुविधा का विस्तार किया गया है। गाँव में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। आज से प्रारंभ "मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ'' अभियान किसानों के लिये वरदान है।

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के जीवन एवं फसल का कवच है। संकट आने पर फसल क्षति का मुआवजा मिलेगा। पॉलिसी उनके पास होगी तो उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। इस तरह की योजना देश में पहली बार लागू की गई है। मध्यप्रदेश बिना ब्याज के ऋण देने वाला देश का पहला प्रदेश है। राज्य सरकार किसानों के हर दुख-दर्द में साथ है। उनके दुख-दर्द को दूर करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को संकट के समय संबल दिया है, आगे भी पूरी मदद की जायेगी। प्रदेश में वन ग्राम के किसानों को भी राजस्व ग्राम के किसानों की तरह लाभ दिया जा रहा है। चने की खरीदी मई के पहले ही शुरू करने का निर्णय लिया गया है। समर्थन मूल्य पर चना एवं सरसों खरीदी की सीमा को समाप्त किया गया है। मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था भी की गई है। किसानों को रियायती दर पर बिजली सिंचाई के लिए दी जा रही है। खेती अब लाभ का व्यवसाय बन रही है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुउषा ठाकुर ने कहा कि खेती को फायदे का धंधा बनाना हमारा मुख्य ध्येय हैं। किसानों की उन्नति एवं प्रगति हमारी प्राथमिकता है। किसान खुशहाल रहे, इस दिशा में कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। किसान अन्नदाता है। किसान मनुष्यता के पोषक हैं। उन्होंने आग्रह किया कि मानव जीवन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्राकृतिक एवं जैविक खेती की जाये। रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से जीवन को बचाएं। स्वस्थ भारत के निर्माण में मजबूत कदम उठाएँ। स्वच्छता एवं जैविक खेती को अपनाकर आत्म-निर्भर भारत की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

उद्यानिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि केंद्र और राज्य शासन किसानों के हितों के प्रति संकल्पबद्ध है। किसानों के हित में अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। किसानों के सम्मान का भी ध्यान रखा जा रहा है। किसानों को 6 हजार रूपये केंद्र और 4 हजार रूपये राज्य सरकार की ओर से सम्मान निधि दी जा रही है। इस तरह किसानों को प्रति वर्ष 10 हजार रूपये की सम्मान राशि मिल रही है। मध्यप्रदेश में कृषि के साथ ही बागवानी के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कृषि और बागवानी के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यानिकी की खेती भी करें। रासायनिक खाद का संतुलित उपयोग करें। जैविक खेती को अपनाएँ।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि प्रदेश ही नहीं देश में नया इतिहास है, जब इस तरह की योजना का शुभारंभ हुआ। यह योजना किसानों के लिए वरदान है। केन्द्र और राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में अनेक लाभकारी योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा कि आलू, प्याज एवं लहसुन के निर्यात की व्यवस्था की जाना चाहिये।

कार्यक्रम में फसल बीमा योजना तथा जैविक खेती पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। अतिथियों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान थीम गीत का विमोचन भी किया। किसानों को योजनाओं की जानकारी देने, जैविक खेती और आधुनिक कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या-पूजन के साथ हुआ। इस मौके पर जन-प्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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