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माल्या-नीरव-चोकसी पर सरकार का बड़ा ऐक्शन, भगोड़ों की प्रॉपर्टी बेचकर 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रिकवर

नई दिल्ली

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न हालात में अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि बैंकों ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसों की संपत्तियां बेचकर 13,109 करोड़ रुपये वसूले। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले सात वर्ष में समझौते एवं अन्य उपायों से 5.49 लाख करोड़ रुपये की वसूली की।

लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, बैंक सुरक्षित हैं और बैंकों में जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हैं। अर्थव्यवस्था से जुड़े बड़े विषयों पर ध्यान दिया जा रहा है। निर्मला ने कहा कि राज्यों के पास पर्याप्त नकदी है। केवल दो राज्यों का नकदी संतुलन नकारात्मक है।

वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इसमें 3,73,761 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की मंजूरी मांगी गई है। इसमें 62 हजार करोड़ रुपये एयर इंडिया की शेष आस्तियां एवं देनदारियों से संबंधित हैं। इस दौरान विपक्षी सदस्य लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग सहित कुछ अन्य विषयों पर सदन में शोर-शराबा कर रहे थे।

सीतारमण ने बताया कि सरकार ई-जीओएम (अधिकार सम्पन्न मंत्रियों के समूह) के माध्यम से खाद्य तेल एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों से जुड़ी समस्याओं पर विचार करेगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले सात वर्ष में समझौते एवं अन्य उपायों से 5.49 लाख करोड़ रुपये की वसूली की। जो ऋण चूककर्ता देश छोड़कर चले गए हैं, उनसे पैसा वसूला गया है। इसलिए आज बैंक सुरक्षित हैं। राज्यों की वित्तीय स्थिति के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीने में 86.4 प्रतिशत राशि हस्तांतरित की गई है, जो वर्ष 2019-20 के दौरान प्रदान की गई।

वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के विषयों को गंभीरता से देखती है। ऐसे में पूरक मांग में उर्वरक सब्सिडी के मद में 58 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं। उर्वरकों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अधिक है। सरकार नहीं चाहती कि किसानों को परेशानी हो। पूरक मांग का बड़ा हिस्सा एयर इंडिया से संबंधित मद में जा रहा है।

चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा सहित विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर लोकसभा में सरकार को घेरते हुए कहा था कि अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है। हर जगह संकट की स्थिति है। सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार एयर इंडिया सहित कई सरकारी कंपनियों को बेच रही है, जो जन सरोकारों के विपरीत है।

दस्तावेज के अनुसार, उर्वरक सब्सिडी के तहत घरेलू एवं आयातित फॉस्फेट और पोटाश संबंधी उर्वरक के लिए 43,430 करोड़ रुपये और यूरिया सब्सिडी योजना के तहत 15 हजार करोड़ रुपये दिया जाएगा। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग को खाद्य भंडारण एवं गोदाम संबंधी विभिन्न योजना के खर्च को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 49,805 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

वाणिज्य विभाग को सब्सिडी संबंधी व्यय को पूरा करने के लिये 2,400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा रक्षा एवं गृह मंत्रालय के अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिये क्रमश: 5,000 करोड़ रुपये और 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार ने 34.83 लाख करोड़ के कुल खर्च का अनुमान व्यक्त किया था।

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