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श्रीलंका में बदतर हुए हालात, आर्थिक संकट को लेकर हुए प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति ने की आपातकाल की घोषणा

नई दिल्ली

श्रीलंका में भयानक आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल 2022 से सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति ने इसके लिए एक असाधारण गजट भी जारी कर दिया है। श्रीलंका भयानक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आम लोगों का जन-जीवन बेहाल हो गया है। श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर गुरुवार को उनके आवास के सामने प्रदर्शनकार भी हुए थे। जिन पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की थी। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। रसोई गैस की भी कमी हो गई है और बिजली कटौती दिन में 13 घंटे तक की जा रही है।

राष्ट्रपति राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं जबकि सबसे छोटे भाई तुलसी के पास वित्त विभाग है। सबसे बड़े भाई चमल कृषि मंत्री हैं जबकि भतीजे नमल खेल के लिए कैबिनेट पद पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है।
 
दो करोड़ बीस लाख की आबादी वाले द्वीप देश श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब मंदी की चपेट में है। यहां तक ​​कि वहां सबसे आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए भुगतान के लिए भी विदेशी मुद्रा की किल्लत हो गई है। हालात इतने खराब हैं कि गुरुवार को बसों और वाणिज्यिक वाहनों के लिए मुख्य ईंधन डीजल पूरे देश में कहीं भी उपलब्ध नहीं था।

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