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कुबेरेश्वरधाम पर सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप

सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में रविवार को शिव चतुर्दशी के पावन अवसर पर विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप आधा दर्जन से अधिक पंडितों की उपस्थिति में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के शीघ्र बेहतर स्वास्थ्य के लिए किया गया। इन दिनों जिले ही नहीं पूरे देश में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान और यज्ञ-हवन किए जा रहे है। रविवार की सुबह मंदिर में भगवान शंकर का अभिषेक समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला सहित अन्य ने किया और उसके पश्चात महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि गुरुदेव कथा के दौरान कहते है कि इस मंत्र का सवा लाख बार निरंतर जाप करने से आने वाले या विद्यमान रोगों और अशुभ ग्रहों के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं, इस मंत्र के माध्यम से हर रोग से बचा जा सकता है। इस मंत्र के जाप से जीवन में अनेक लाभ होते हैं। भगवान शिव की पूजा का महत्व दूसरे देवी-देवताओं से थोड़ा अलग है। कष्टों से मुक्ति की आस,भगवान भोलेनाथ हर विपदा से अपने भक्तों को बचाते हैं। शिव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का जिक्र शास्त्रों में किया गया है, महामृत्युंजय मंत्र भी उनमें से एक है। अकाल मृत्यु के खौफ से दूर रहने और बीमारियों से मुक्ति के लिए भोलेनाथ के चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी है। इस मंत्र के जाप से देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं और हर दुख से अपने भक्तों को दूर रखते हैं। रोग, भय, अकाल मौत का डर, हर बला से बचने के लिए कलयुग में भगवान शिव का महामृत्युंजय जाप बहुत ही लाभकारी है। महादेव की होली के दौरान गुरुदेव को सिर पर नारियल लगने से चोट आई थी, लेकिन अब स्वास्थ्य में काफी सुधार है।

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