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51 ब्राम्हण करवा रहे हैं नवकुंडात्मक श्रीशिव शक्ति महायज्ञ

11 लाख पार्थिव शिवलिंगों का होगा निर्माण, उमड़ रहा श्रद्धालु-भक्तों का सैलाब

रेहटी। तहसील के रमघड़ा स्थित पवित्र रुद्रधाम पर गुरुवार से नवकुण्डात्मक श्री शिव शक्ति महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। पहले दिन सुबह कलश यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में आसपास के छेत्र के श्रद्धालु, महिला-पुरुष शामिल हुए। श्री शिव शक्ति महायज्ञ के दौरान 11 लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जाएगा। ये महायज्ञ श्री परमहंस जी महाराज एवं श्री बजरंगगिरी जी महाराज के सानिध्य में हो रहा है। नवकुण्डात्मक महायज्ञ का आयोजन पिछले 22 वर्षों से लगातार किया जा रहा है। महायज्ञ में 51 ब्राम्हणों द्वारा  प्रतिदिन पूजा-पाठ, अनुष्ठान एवं पुराणोें का वाचन किया जा रहा है।
महायज्ञ संचालन समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश मालवीय ने बताया कि श्री परमहंस जी महाराज एवं श्री बजरंगगिरी जी महाराज के सानिध्य में भव्य नवकुंडात्मक महायज्ञ कराया जा रहा है। इस दौरान आसपास के क्षेत्र सहित दूर-दूर से श्रद्धालु रूद्रधाम पहुंच रहे हैं। महायज्ञ मेें 25 यज्ञमान जोड़े से बैठकर पूजा-पाठ कर रहे हैं। प्रतिदिन सुबह से शिवलिंग निर्माण होता है और उसके बाद उनकी पूजा, अभिषेक कराया जाता है। रूद्रधाम में चल रहे नवकुंडात्मक महायज्ञ से क्षेत्र का वातावरण भी शुद्ध हो रहा है। यहां पर प्रतिदिन ब्राहम्णों द्वारा विभिन्न पुराणों का वाचन भी किया जा रहा है। प्रतिदिन श्रद्धालुओं द्वारा भोजन प्रसाद भी कराई जा रही है। इस दौरान कन्या भोज का आयोजन भी होता है। दूसरे दिन शुक्रवार कोे भोजन प्रसाद का आयोजन सतराना के ग्रामवासियों द्वारा कराया गया।
पार्थिव शिवलिंगों का होगा निर्माण-
नवकुंडात्मक शिवशक्ति महायज्ञ के दौरान 11 लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण होगा। इसके बाद प्रतिदिन इनका विधि-विधान से पूजन एवं अभिषेक होगा।समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश मालवीय ने बताया कि संचालन समिति के सभी सहयोगियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई है, ताकि यहां आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधाएं न हो। दो दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इस दौरान पुलिस प्रशासन से भी सहयोग रहेगा।
कोरोना गाइड लाइन का किया जाएगा पालन-
आयोजन के दौरान कोरोना गाइड लाइन का भी विशेष पालन किया जाएगा। हालांकि प्रशासन ने कोरोना गाइड लाइन को लेकर लगाई सभी पाबंदियों को हटा दिया है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा इसके साथ ही उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा।

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