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आखिर कहां गायब हो गया मानसून, बारिश के लिए और कितना इंतजार

मौसम ​वैज्ञानिक बोले: एक सप्ताह बाद बनेंगे आसार

सीहोर। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बारिश का दौर कमजोर पडा है। सोमवार को बहुत कम जगहों में ही बारिश हुई और मंगलवार को भी कहीं कहीं बूंदाबांदी जैसे ही हालात हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि प्रदेश में अभी कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है। अगले एक हफ्ते तक बारिश का सिलसिला रुक सकता है। 15 अगस्त के बाद से ही नया मौसम तंत्र सक्रिय होने पर धरती तरबतर होगी। इधर कुछ दिनों से हुई तेज बारिश के कारण प्रदेश की कई नदियां अभी भी उफान पर हैं। छतरपुर-टीकमगढ़ में बने बानसुजारा बांध के 12 गेट खोले गए हैं। इस कारण काठन और धसान नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। पिछले दिनों बरगी के डैम भी लगातार खोले गए थे।

यहां बन रहे बारिश के हालात
मंगलवार को किसी भी जिले में स्थान में भारी बारिश की चेतावनी नहीं है। कुछ जिलों में गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश होने और बिजली गिरने की आशंका है। इन जिलों में रीवा, सतना, सिंगरौली, सीधी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, अलीराजपुर और झाबुआ जिले शामिल हैं। हालांकि इसके अलावा भी प्रदेश के कुछ स्थानों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।

सीहोर में भी इंतजार
सोमवार सुबह 8:30 से शाम के 5:30 तक पचमढ़ी, सागर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर में हल्की बारिश दर्ज हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार अब तक प्रदेश में औसत रूप से 11% अधिक बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड नरसिंहपुर जिले में 35.63 इंच है, जबकि सिवनी और मंडला में 32 इंच बारिश हो चुकी है। बड़वानी, अशोकनगर, सतना, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन और मंदसौर में 16 से भी कम बारिश हुई है। इधर सीहोर में भी आगामी एक सप्ताह तक तेज बारिश के आसार नहीं है। हालांकि मौसम में ठंडक बरकरार रहेगी और बूंदाबांदी का दौर चलता रहेगा।

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