आष्टा। मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देवबड़ला बीलपान में विगत छः वर्षों से पुरातत्व विभाग द्वारा खोदाई का कार्य किया जा रहा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह भगत ने बताया कि गत दिवस भोपाल से विभागीय अधिकारी दल द्वारा निरीक्षण किया गया। आयुक्त पुरातत्व उर्मिला शुक्ला के निर्देशानुसार जो काम चल रहे हैं उनमें द्रुत गति से कार्य पूर्ण किया जाए। उन्होंने बताया कि यह पुरातत्व विभाग का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसमें एक मंदिर पहले बना चुके हैं, दूसरा मंदिर पूर्णता की ओर है। इसके अतिरिक्त यहां पर जो भी मंदिर खुदाई में प्राप्त हुए हैं उन सभी मंदिरों को भविष्य में पुनः निर्मित करने की योजना तैयार किया जाना है। योजना को गति देने पुरातन अधिकारी डॉ रमेश यादव के साथ कंजर्वेशन इंजीनियर अजब सिंह राजपूत देवबड़ला पहुंचे एवं चल रहे कार्य का निरीक्षण कर आगे किस प्रकार से काम करवाना है इस विषय में देवबड़ला स्मारक इंचार्ज कुंवर विजेंद्र सिंह भाटी से चर्चा कर आगे काम करवाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि यहां पर खुदाई में अब तक 13 मंदिरों के बेस व अवशेष और 60 से भी ज्यादा प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं। बिखरे हुए पुराने पत्थरों को जोड़कर पुरातत्व विभाग द्वारा 51 फीट ऊंचा महादेव का मंदिर तैयार किया गया। इस मंदिर का जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा व आगे के मंदिरों को भी जल्द ही अपने मूल स्वरूप में लौटाया जाएगा।