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गणेश चतुर्थी: दस बातों का ध्यान रखेंगे तो होगा मंगल ही मंगल

गणेश जी की प्रतिमा​ विराजित करते समय रखें इनका खास ध्यान

भोपाल। भगवान श्रीगणेश के जन्मोत्सव की धूम शुरू होने वाली है। हर घर में भगवान की प्रतिमा विराजित कर श्रद्धालु शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि भगवान की प्रतिमा विराजित करते समय अगर इन दस बातों का ध्यान रखें तो सब मंगल ही मंगल होगा। इस साल चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 9 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी और 28 सितंबर को अनंत चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा।

इन बातों का रखें ध्यान

  • वास्तु : प्रतिमा विराजित करने से पहले घर के वास्तु का ध्यान रखें। इसके लिए किसी विशेषज्ञ से निश्चित दिशा और स्थान का चयन कराएं।
  • कैसी हो प्रतिमा: भगवान की प्रतिमा के साथ उनके पूरे आभामंडल का ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रतिमा के साथ मूषक यानी चूहा जरूर हो और हाथ में मोदक हों।
  • प्रतिमा का रंग: सिंदूरी प्रतिमा सबसे उत्तम मानी जाती है, हालांकि सफेद हरा रंग भी सुख समृद्ध और शांति के लिए शुभ होता है।
  • दिशा: भगवान शिव और माता लक्ष्मी को समर्पित दिशा उत्तर में भगवान की प्रतिमा का मुख हो, विराजित करनी चाहिए। प्रतिमा का मुख घर के द्वार की ओर हो तो और भी उत्तम है। मूर्ति के पूर्व दिशा में कलश रखें और दक्षिण पूर्व में दीया जलाएं।
  • सूंड की दिशा: भगवान की सूंड की दिशा बाईं और होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसी मूर्ति की विराजना से सुख शांति का आगमन होता है।
  • मुकुट: गणेश जी की मूर्ति लेते समय ध्यान रहे कि उनके सिर पर मुकुट जरूर सजा हो। मान्यता है कि मुकुट के बिना गणपति जी की मूर्ति अधूरी मानी जाती है।
  • कैसे फूल और कपडे: आप गणेश जी की घर में लेकर आएं तो उन्हें लाल कपड़े से ढंककर ही लाएं। पूजा में सारी चीजें लाल रंग की शामिल करें। यहां तक की फल और फूल भी उन्हें लाल रंग का ही चढ़ाना चाहिए।
  • रिद्धि—सिद्धि: गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते समय दाएं और बाई ओर रिद्धि-सिध्दि को भी स्थापित करें। साथ ही एक-एक सुपारी भी रखें।
  • भोग: पूजा के साथ-साथ गणपति जी के भोग का भी विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए गणेश चतुर्थी के मौके पर उनका प्रिय मोदक और मोतीचूर के लड्डू भोग में जरूर चढ़ाएं।
  • नहीं करें चंद्र दर्शन: गणेश चतुर्थी के दिन चांद को न देखना भी शामिल है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है।

    नोट: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। SEHOREHULCHAL इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

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