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सीहोर में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

सीहोर। कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने सोमवार को जोरदार नारेबाजी की। किसानों ने बैनर-पोस्टरों के साथ कलेक्ट्रेट तक विरोध रैली भी निकाली। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के पदाधिकारियों ने 14 सूत्रीय मांगों को मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा पूरा नहीं किए जाने को लेकर आक्रोश दर्ज कराया। मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर बृजेश सक्सेना को सौंपा गया। किसानों से संबंधित विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के द्वारा की गई। महासंघ ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया एवं मांग की है कि जल्द ही उनकी मांगों कोे पूरा किया जाए।
किसानों की प्रमुख मांगों में जिले में अतिवृष्टि और पानी भराव के कारण खरीफ की सभी फसलों में भारी नुकसान हुआ है। इसका सीधा असर किसानों के जनजीवन पर भी पड़ा है। नुकसान का शीघ्र सर्वे कराया जाए। राहत राशि एवं बीमित किसानों को बीमा क्लेम दिलाया जाए। वर्तमान में लहसुन एवं प्याज के गिरते दामों को देखकर किसान आक्रोशित होकर अपने खून-पसीने से सीधी हुई फसलों को कही नालों में बहा रहे हैं तो कहीं आग के हवाले कर अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। इसका असर भी सरकार पर नहीं हो रहा है। किसानों को मदद देने के लिए शासकीय स्तर पर लहसुन-प्याज की खरीदी की जाए। फसल बीमा में 5 वर्ष से 3 वर्ष की अनावारी रिपोर्ट में पंचायत को समाप्त कर एवं पटवारी हल्का की वैद्यता को समाप्त कर खेत को इकाई मानकर सर्वे कराया जाए। प्रदेश सरकार अपने आप को किसान हितैषी बताकर भी लगातार 18 घंटे दिन में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं दे पा रही है। मुख्यमंत्री विद्युत ट्रांसफार्मर अनुदान योजना को पुनः चालू करके जरूरतमंद किसानों को राहत दी जाए। पीएम एवं सीएम किसान सम्मान निधि अधिकतर किसानों के खातों में नहीं आ रही है। इस विषय को तत्काल संज्ञान में लिया जाए।
कई किसानों को अभी तक खरीफ 2020 की बीमा राशि एवं राहत राशियां नहीं मिली है। किसानों को उनका हक दिलाया जाए, क्योंकि किसानों के खातों से प्रीमियम काटा गया था, इसलिए हम अपना हक मांग रहे हैं। आवारा पशुओं एवं जंगली जानवरों के बारे में कई बार अवगत करा चुके हैं। किसानों को नुकसान हो रहा है। इनकी गौशाला एवं अभ्यारणों की व्यवस्था की जाए। पैत्रिक संपत्ति में पुत्रियों की सहमति से हक अधिकार रखा जाए। हक त्याग की दशा में किसी प्रकार का शुल्क नहीं होना चाहिए, क्योंकि समाज में विसंगतियां फेल रही है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने मांग की है कि आष्टा, सीहोर विकासखंडों के कई ग्रामों से होकर गैस पाइपलाइन गुजर रही है। इसमें कई किसानों के खेतों में नाली खुदी हुई है, जो पाइप लगाकर बराबर कर देना थी। अब तक नहीं की गई है। इसी तरह की अन्य मांगेें भी ज्ञापन में शामिल रही। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश कार्य समिति सदस्य बाबूलाल पाटीदार, परमसिंह मैसानिया, सीहोर ब्लाक अध्यक्ष देवकरन सिंह, प्रांतीय उपाध्यक्ष विक्रम सिंह पटेल, जनमत सिंह, बाबूलाल पटेल, आष्टा ब्लॉक अध्यक्ष कमल परमार, सहमंत्री प्रहलाद सिंह भगतजी, सुरेश दुबे, बलराम मुकाती, इछावर ब्लॉक अध्यक्ष नारायण सिंह ठाकुर सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी किसान सम्मिलित रहे।

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