सीहोर। 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रि के त्यौहार को लेकर हर तरफ खुशियों का वातावरण है। सीहोर जिले के प्रसिद्ध मां बिजासन धाम सलकनपुर में भी नवरात्रि के अवसर पर पहले दिन शुभ मुहूर्त में 3 अक्टूबर को घट एवं ज्योति स्थापना की जाएगी। इस दौरान कई भक्तों के द्वारा भी यहां पर ज्यौत जलवाई जाएगी। नौ दिनों तक मां बिजासन का विशेष श्रंृगार एवं पूजा-अर्चना भी होगी। 10 अक्टूबर को निशा पूजन एवं रात्रि जागरण होगा। नवरात्रि से पहले अमावस्या को भी सलकनपुर में भक्तों का सैलाब उमड़ा और लाखों की संख्या में भक्तों ने मां बिजासन के दरबार में पहुंचकर अर्जी लगाई। इससे पहले वे आंवलीघाट नर्मदा तट पहुंचे थे और यहां पर स्नान करके सलकनपुर में मां बिजासन के दर्शन करने आए। सुबह से ही यह क्रम शुरू हो गया, जो देर रात्रि तक चलता रहा। अब नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन लाखोें की संख्या में श्रद्धालु भक्त सलकनपुर पहुंचकर मां बिजासन के दर्शन करेंगे। इधर सलकनपुर भोग प्रसादम् को लेकर भी स्थिति साफ हो गई है। अब भोग प्रसादम् बनाने वाले महिला स्व-सहायता समूह द्वारा मंदिर प्रांगण के बाहर स्टॉल लगाकर लड्डुओं की बिक्री की जाएगी। इस दौरान वे अपने पैकेट पर मंदिर का मोनो नहीं लगा सकेंगी। साथ ही मंदिर के नाम का भी इस्तेमाल नहीं कर सकेंगीं। उन्हें अपने समूह के नाम से या अन्य नाम से इन लड्डुओं की बिक्री करनी होंगी।
शुभ मुहूर्त में होगी घट एवं ज्योति स्थापना –
सलकनपुर मंदिर के प्रमुख महंत पंडित प्रभुदयाल शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में मंदिर में घट एवं ज्योति की स्थापना की जाएगी। 10 अक्टूबर को निशा पूजन एवं हवन होगा। नवरात्रि के दौरान कई भक्तों द्वारा यहां पर अखंड ज्यौत जलवाई जाती है। घट एवं ज्योति स्थापना के दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष महेश उपाध्याय सहित समिति सदस्य एवं मंदिर के पुजारीगण उपस्थित रहेंगे। नौ दिनों तक मां बिजासन की विशेष पूजा-अर्चना एवं श्रंृगार होगा। भक्तगण नवरात्रि के दौरान सुबह से लेकर देर रात्रि तक मां बिजासन के दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर प्रांगण के बाहर मिलेगा भोग प्रसादम् –
पिछले दिनों सलकनपुर भोग प्रसादम् पर सवाल उठने के बाद इसके विक्रय पर भी संशय के बाहद मंडराने लगे थे। मंदिर समिति ने भोग प्रसादम् की शुद्धता पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। इस मामले ने तूल भी पकड़ा था, लेकिन अब मंदिर समिति, जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्था बनाई गई है कि स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे सलकनपुर भोग प्रसादम् की बिक्री मंदिर प्रांगण के बाहर अन्य स्थान पर स्टॉल लगाकर की जा सकेगी। इस दौरान समूह द्वारा मंदिर के मोनो, फोटो के साथ ही नाम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। समूह को अपने समूह के नाम या अन्य किसी नाम से यह भोग प्रसादम् बेचना होगा। नवरात्रि के बाद समूह की व्यवस्था बनाई जाएगी।
पार्किंग के लिए बनाई ये व्यवस्था –
नवरात्रि के दौरान सलकनपुर आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को खड़ा करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। रेहटी थाना प्रभारी राजेश कहारे ने बताया कि भोपाल, इंदौर, हरदा की तरफ से आने वाले वाहनों को पशु मेला ग्राउंड एवं नहर के पास खाली मैदान में पार्क कराया जाएगा। इसी तरह होशंगाबाद, बुधनी की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए सलकनपुर बायपास मार्ग पर खेत में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसी तरह जो सड़क मार्ग चौड़ा किया गया है उस पर एक तरफ वाहनों को पार्क कराया जाएगा और एक तरफ वाहनों का आवागमन हो सकेगा। बसों के लिए अस्थाई बस स्टैंड नहर के पास रहेगा। नवरात्रि के दौरान भारी वाहनों को भी इस रोड से प्रतिबंधित किया गया है, ताकि पदयात्रियों को परेशानियां न आएं।
निजी वाहनों को किया प्रतिबंधित, टैक्सी से जा सकेंगे –
नवरात्रि के दौरान सड़क मार्ग से उपर तक जाने के लिए श्रद्धालु-भक्त अपने निजी वाहनों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें टैक्सी से जाना होगा। जिला प्रशासन एवं मंदिर समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया है। दरअसल देवीलोक का निर्माण कार्य चल रहा है, ऐसे में उपर पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए श्रद्धालुओं को टैक्सी वाहनों से ही आना-जाना होगा। इसके लिए उनका किराया भी निर्धारित किया गया है। प्रत्येक सवारी 70 रूपए किराया देना होगा। इसमें से 20 रूपए मंदिर समिति को जाएगा एवं 50 रूपए टैक्सी संचालक के पास रहेगा। हालांकि यहां पर ज्यादातर गाड़ियां निजी कोटे की हैं। नियमानुसार तो निजी कोटे के वाहनों को टैक्सी कोटे में नहीं चला सकते, लेकिन यहां पर यह व्यवस्था की गई है। नवरात्रि से पहले जिला परिवहन अधिकारी रीतेश तिवारी द्वारा वाहनों की फिटनेस एवं पेपर भी चैक किए गए थे, इस दौरान सिर्फ दो गाड़ियां ही यहां पर टैक्सी कोटे की पाई गई थी। यहां पर करीब 180 गाड़ियां टैक्सी के रूप में यात्रियों को लाने ले जाने में लगी हुई हैं। कई गाड़ियां तो ऐसी हैं, जो बेहद ही कंडम स्थिति में हैं और इनसे दुर्घटना का खतरा भी लगा रहता है। हालांकि जिला परिवहन अधिकारी द्वारा तीन-चार गाड़ियों को ही यहां से हटाया गया, बाकी सभी गाड़ियां यहां पर संचालित की जा रही हैं।