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अब नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी, अभिभावक खुले बाजार से खरीद सकेंगे पुस्तक-कापी एवं अन्य सामान

- स्कूल बसों में लगवाना होगा व्हीकल ट्रैकिंग एवं रियल टाइम मॉनीटरिंग जीपीएस सिस्टम

सीहोेर। अब निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर यह दबाव नहीं बना पाएंगे कि उन्हें किसी विशेष दुकान से ही सामान खरीदना पड़ेगा। अब अभिभावक अपने मन मुताबिक किसी भी दुकान से बच्चोें की पुस्तक, कापी, यूनिफार्म सहित अन्य सामान खरीद सकेंगे। अब तक निजी स्कूलों द्वारा कुछ विशेेष दुकानोें से ही सामान खरीदने का दबाव बनाया जाता था, लेकिन इस बार प्रशासन ने इस पर सख्ती की है। इसके साथ ही अब स्कूलों में चलने वाली बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम एवं रियल टाइम मॉनीटरिंग जीपीएस सिस्टम व कैमरा भी लगवाना होगा, साथ ही एक महिला सहायिका भी रखनी होेगी। ऐसा नहीं करने पर स्कूल एवं बसों पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर प्रवीण सिंह ने 1973 की धारा 144 के अंतर्गत आदेश जारी किया है।
प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में संचालित निजी स्कूलों द्वारा मोटे कमीशन खोरी से अभिभावकों कोे निजात दिलाने के लिए इस बार प्रशासन ने सख्ती की है। प्रशासन को इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। अभिभावक भी लंबेे समय से मांग कर रहे थेे कि पुस्तक, कापी एवं स्कूल के अन्य सामान की उन्हेें बहुत ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ती है। इसके कारण उनका बजट भी गड़बड़ा जाता है। इसको लेकर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जिले में संचालित समस्त अशासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल प्रबंधन को आगामी शिक्षण सत्र में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को समस्त सामग्रियां स्कूल प्रबंधन से तथा प्रबंधन द्वारा बताए गए विशेष दुकान से खरीदने के बाध्य नहीं करने के आदेश दिए हैं।
स्कूल बसोें में लगाना होगा व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम-
कलेक्टर ने प्रत्येक विद्यालय प्रबंधन को स्कूल बस में एक महिला सहायिका नियुक्त करने के आदेश भी दिए हैं, जो कि बस में सफर करने वाले विद्यार्थियों को उनके गंतव्य स्थान तक सुरक्षित पहुंचाना सुनिश्चित करेेंगी। जहां स्कूल बसों में छात्राएं सफर कर रही हैं, वहां महिला सहायिका की नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। प्रत्येक स्कूल बस में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने एवं रियल टाइम मॉनीटरिंग जीपीएस सिस्टम कैमरा लगवाना अनिवार्य होगा, जिससे कि अभिभावकों तथा स्कूल प्रबंधन को स्कूल बस की वर्तमान स्थिति का पता चल सके एवं बस के वाहन चालक तथा बस में स्कूल प्रतिनिधि की जानकारी भी अभिभावकों को सहज उपलब्ध को सके। स्कूल बसों को रूट के अनुसार मॉनीटरिंग के लिए प्रत्येक स्कूल में स्कूल प्रबंधक को किसी व्यक्ति या शिक्षक को स्कूल यातायात सुरक्षा प्रबंधक के रूप अनिवार्य रूप से नियुक्त करना होगा।
लेखक, प्रकाशक एवं मूल्य की सूची करानी होेगी उपलब्ध-
सभी अशासकीय विद्यालयों को आदेश दिए गए हैं कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के एक माह पहले लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें एवं मांगने पर छात्रों को सूची उपलब्ध कराएं। प्रबंधक अपने स्कूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशकों की जानकारी की प्रति जिला शिक्षा अधिकारी को 20 अप्रैल तक भेजेंगे। किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं होना चाहिए। विद्यालय के सूचना पटल पर यह सूचना चस्पा की गई हो कि किसी दुकान विशेष से साम्रगी क्रय करने की बाध्यता नहीं है। विद्यालय की स्टेशनरी, यूनिफार्म पर विद्यालय का नाम प्रिंट करवाकर दुकानों से क्रय करने अथवा विशिष्ट दुकान से यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तकें बेचना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश का पालन नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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