नया संसद भवन 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओें और सपनों का प्रतिबिंब है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोेदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के नए भवन का उद्घाटन किया। नए भवन में अपने पहले संबोधन में पीएम ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। यह विश्व को भारत के दृढ़संकल्प का संदेश देता है। हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। उन्होंने कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की विकास यात्रा के कुछ पल अमर हो जाते हैं और आज भी ऐसा ही एक दिन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे पास 25 वर्ष का अमृत कालखंड है। इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को आदर और उम्मीद के भाव से देख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद भवन ने करीब 60,000 श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलेरी भी बनाई गई है। आज जब हम लोकसभा और राज्यसभा को देखकर उत्सव मना रहे हैं तो मुझे संतोष है कि हमने देश में 30,000 से ज़्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं। पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है।
पीएम ने कहा, इस ऐतिहासिक अवसर पर संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। राजा जी और अधिनम के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इसमें वास्तू, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और संविधान भी है। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है, राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्याेदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा।
पीएम ने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, सेवा पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। राजाजी और अधिनम के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था। तमिलनाडु से विशेष तौर पर अधिनम के संत भवन में हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुए थे। प्रधानमंत्री ने कहा, यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्याेदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नई उमंग है, दिशा नई है, दृष्टि नई है।
नए संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आज़ादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। सुबह ही संसद भवन परिसर में सर्व पंथ प्रार्थना हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।