सीहोर में प्रशासन की सक्रियता से शावकों का ऐसे हुआ रेस्क्यू, बाघिन के निशाने पर थी टीम
सीहोर। सीहोर जिला प्रशासन ने एक बार फिर जागरूकता एवं सक्रियता का परिचय दिया। इसके कारण बाघिन के दो घायल शावकों का रेस्क्यू हो सका और उनकी जान बच गई। इसके लिए सीहोर जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह की सक्रियता सबसे अहम रही। उन्होंने घायल शावकों के रेस्क्यू के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की और खुद भोपाल से रेल में बैठकर बुधनी के मिडघाट पहुंचे, जहां से दो घायल शावकों का रेस्क्यू करके वन बिहार लाया गया। यहां पर उनका इलाज किया जा रहा है। यदि कलेक्टर प्रवीण सिंह यह पहल नहीं करते तो बाघिन के निशाने पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम भी थी। बाघिन टीम पर हमला भी कर सकती थी।
जानकारी के अनुसार गत दिनों सीहोर जिले के बुदनी के मिडघाट रेलवे ट्रैक पर बाघिन के तीन शावक ट्रेन की चपेट में आ गए थे। इस दुर्घटना में एक शावक की मृत्यु हो गई तथा दो शावक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के बाद वन विभाग एवं वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन दोनों घायल शावकों की स्थिति को देखते हुए वहां इलाज संभव नहीं था। रेलवे ट्रैक से सड़क की दूरी करीब 2 किलोमीटर थी और शावकों के आसपास बाघिन भी घूम रही थी। ऐसे में रेस्क्यू टीम पर बाघिन के हमले का खतरा भी था। रेस्क्यू टीम ने घायल शावकों को उठाने की कोशिश की, लेकिन बाघिन की दहाड़ से टीम ने भागकर जान बचाई। बाघिन लगातार शावकों के आसपास घूम रही थी।
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने की रेलवे के अधिकारियों से चर्चा-
सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह एवं डीएफओ सीहोर मगन सिंह डाबर ने मामले की गंभीरता को समझा और कलेक्टर प्रवीण सिंह ने भोपाल स्थित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में संपर्क कर बताया कि मिडघाट घटनास्थल से दोनों घायल शावकों को भोपाल लाने के लिए एक डिब्बे की विशेष ट्रेन चलाने की आवश्यकता है। कलेक्टर प्रवीण सिंह के अनुरोध पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक डिब्बे की विशेष ट्रेन मंगलवार सुबह बुधनी के घटनास्थल मिडघाट तक भेजने का निर्णय लिया और कलेक्टर प्रवीण सिंह इस ट्रेन के साथ भोपाल से रवाना हुए। इस पूरी कार्रवाई में सीनियर डीओएम निरीश कुमार राजपूत, वन मंडल अधिकारी मगन सिंह डाबर, एसडीएम बुधनी राधेश्याम बघेल सहित राजस्व एवं वन विभाग की टीम मौजूद रही।