राजनीतिक

भाजपा के कारण अन्ना डीएमके में अंतरकलह

चेन्नई  । तमिलनाडु में भाजपा और अन्नाद्रमुक के संबंध अब काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानी स्वामी की तस्वीरें जला कर उन पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का  आरोप लगाया था। भाजपा के कई नेताओं द्वारा पार्टी छोड़कर एआईडीएमके में चले जाने के बाद यह स्थिति बनी।
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा के साथ गठबंधन में रही अन्ना डीएमके तीन बार चुनाव हार चुकी है। हाल ही में एआईडीएमके इरोड पूर्व विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा गठबंधन की करारी हार हुई। दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव प्रचार भी नहीं किया। यहां से डीएमके और कांग्रेस गठबंधन को बड़े अंतर से जीत मिली। एआईडीएमके अब भाजपा को एक बोझ के रूप में देख रही है। जल्द ही वह भाजपा से पल्ला झाड़ने की तैयारी में दिख रही है।
पलानी स्वामी और पन्नीर सेलवम के बीच में कलह भाजपा ने कराई।
भाजपा जहां पहुंच जाती है।वहां लड़ाई झगड़े बढ़ जाते हैं। यह तमिलनाडु में भी हुआ।अन्नाद्रमुक में पलानी स्वामी पन्नीर सेल्बम और शशि कला के बीच लड़ाई झगड़े चल रहे थे।इस झगड़े का लाभ उठाकर भाजपा को घुसने का मौका मिल गया।उसके बाद पन्नीर सेलवम और पलानी स्वामी के बीच में मतभेद बढ़ते चले गए। भाजपा के आक्रमक और विस्तार वादी रुख के कारण अन्ना डीएमके मे अंतर कलह बढ़ती चली गई। अब भाजपा के कारण  पार्टी ही खत्म होने की स्थिति में आ गई। अन्ना डीएमके के झगड़े में भाजपा को तमिलनाडु में घुसने का जो स्थान मिला था। अब वह भी भाजपा के हाथ से जाता दिख रहा है। भाई भाई में लड़ाई-झगड़ा कराकर भी भाजपा अपना अस्तित्व तमिलनाडु में नहीं बना पाई। जहां जहां पांव पड़े संतन के।

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