विशेषसीहोर

पहले टेंडर जारी किया, फिर वर्क आर्डर भी दे दिया, लेकिन बाद में बिना बताए कर दिया निरस्त!

जिला चिकित्सालय सीहोर का मामला, पुराने भवन के स्क्रैप के लिए जारी की थी निविदाएं, माधव इंटरप्राइजेस बड़ियाखेड़ी सीहोर को मिला था काम, लेकिन बिना बताए टेंडर निरस्त कर दिया

सीहोर। जिला चिकित्सालय यूं तो किसी न किसी कारण से हमेशा सुर्खियों में रहता है। इस बार भी जिला चिकित्सालय अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं में है। दरअसल इस बार जिला चिकित्सालय में मनमानी का मामला सामने आया है।
कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय सीहोर द्वारा पुराने भवन के निष्क्रिय-कंडम फर्नीचर सहित अन्य सामग्री के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थी। इसके लिए 7 जनवरी 2022 को समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से निविदाएं बुलाई गई थीं। इस कार्य के लिए 29 टेंडर फार्म लोगों द्वारा खरीदे गए, लेकिन इनमें से 11 लोगों ने ही टेंडर फार्म जमा किए। इसमें सबसे ज्यादा कीमत वाली निविदा माधव इंटरप्राइजेस बड़ियाखेड़ी सीहोर की थी। इनके द्वारा 4 लाख 85 हजार रूपए टेंडर में भरे गए थे। निविदा खुलने के बाद माधव इंटरप्राइजेस को वर्क आर्डर भी दे दिया गया और तीन दिनों में राशि जमा करने के लिए कहा गया। जब माधव इंटरप्राइजेस द्वारा वर्क आर्डर की राशि जमा करके काम शुरू करना चाहा उससे पहले अस्पताल प्रबंधक द्वारा अपने कुछ कर्मचारियों को भेजकर वहां की लोहे की खिड़कियां, एल्यूमीनियम का सामान सहित अन्य सामान निकालना शुरू करवा दिया गया। माधव इंटरप्राइजेस के संजय राय द्वारा जब इस संबंध में आपत्ति जताई गई तो पता चला कि उनका तो टेंडर ही निरस्त कर दिया गया। जबकि इस संबंध में उनको बताया भी नहीं गया। हालांकि उन्होंने अस्पताल प्रबंधक की मनमानी को लेकर कोर्ट की शरण ली है।
ताबड़तोड़ 2 बजे तक बुलाई दूसरी निविदाएं-
इसके बाद जिला चिकित्सालय प्रबंधक द्वारा ताबड़तोड़ तरीके से 25 जनवरी 2022 को दूसरी निविदा बुलाई गई। इसके लिए 2 बजे तक का समय दिया और शाम को 4 बजे टेंडर खोलने का समय रखा। दूसरी निविदा में 59 लोगों ने दिलचस्पी दिखाई और टेंडर फार्म खरीदे, लेकिन इसके टेंडर जारी ही नहीं किए गए। इसके बाद अस्पताल प्रबंधक की कार्यप्रणाली भी संदेह के दायरे में है।
अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ उठेगी आवाज-
इधर जिला चिकित्सालय प्रबंधक की मनमानी के खिलाफ अब गुस्सा भी फूटने लगा है। अस्पताल प्रबंधक की मनमानी को लेकर युवा भाजपा नेता संजय राय ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम देते हुए सामग्री में बड़ा गोलमाल किए जाने की कोशिश की जा रही है। अस्पताल के कमरों में रखे गए दो से तीन लाख रुपए के सामान को अस्पताल प्रबंधन के द्वारा बाहर निकलवा दिया गया है, जबकि इस सामग्री का बाजार मूल्य क्या है? इसकी जानकारी भी अस्पताल प्रबंधन को नहीं है। अस्पताल प्रबंधक की इस मनमानी के खिलाफ जल्दी ही भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जिला अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।
इनका कहना है-
अस्पताल की निष्क्रिय एवं कंडम सामग्री को बेचने के लिए टेंडर बुलाए गए थे। इसके लिए पांच लोगों की समिति भी बनाई गई थी। टेंडर प्रक्रिया में स्पष्ट था कि अस्पताल का निष्क्रिय एवं कंडम सामान ही दिया जाना है। जो सामान काम का था उसे हमने बाहर निकाला है। टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शितापूर्ण थी।
– डॉ. नवीन मेहर, आरएमओ, जिला चिकित्सालय सीहोर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button