12606 उद्योगों पर 486.89 करोड़ बिजली बिल बकाया, 40 प्रकरण न्यायालय में दर्ज
रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने प्रदेश के उद्योगों से बकाया बिजली बिल राशि की वूसली का मामला उठाया। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन को बताया कि 1206 उद्योगों पर 486.89 करोड़ रुपये बकाया है जिनमें से 3273 उपभोक्ताओं को किस्तों में भुगतान करने की सुविधा दी गई हैं वहीं 40 प्रकरण न्यायालय में दर्ज है।
तारांकित प्रश्न के माध्यम से शर्मा ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि कितने उद्योगों के विरूद्ध बिजली बिल की कितनी राशि बकाया है तथा वसूली के लिए विभाग ने क्या कार्यवाही की? जवाब में मुख्यमत्री ने बताया कि 31 जनवरी 2022 की स्थिति में प्रदेश के अंतर्गत निम्रदाब एवं उच्चदाब के 12606 उद्योगों के विरुद्ध बिजली बिल की बकाया राशि 486.89 करोड़ है। उपभोक्ताओं से विद्युत विभाग प्रतिनिधि द्वारा व्यक्तिगत संपर्क कर बिल जमा करने हेतु निवेदन किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को बकाया बिल जमा करने प्रारंभिक नोटित जारी किया गया है। बिल जमा न करने के परिस्थितियों में 8595 उद्योगों की लाइन विच्छेदन की कार्यवाही की गई है तथा उपभोक्ताओं के विरुद्ध 567 बी फार्म, 334 सी फार्म, 93 आरआरसी फार्म एवं 40 प्रकरण न्यायालय में दर्ज की गई है। उपभोक्ताओं के अनुरोध पर 3273 उपभोक्ताओं को किस्तों में भुगतान की सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि उद्योगों द्वारा समय सीमा में देयक जमा नहीं किए जाने की स्थिति में माननीय छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता 2011 की कंडिका 10.26 के अनुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को 15 दिवस का नोटिस जारी किया जाता है तथा भुगतान नहीं करने की स्थिति में अस्थायी लाइन विच्छेदन की कार्यवाही करते हुए भुगतान हेतु 3 माह का नोटिस दिया जाता है। तत्पश्चात भी उपभोक्ता द्वारा देयक का भुगतान नहीं किए जाने पर स्थायी विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। बकाया राशि की वसूली हेतु बी फार्म, सी फार्म एवं आरआरसी जारी की जाती है।