राज्य

लघु वनोपजों की खरीदी में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल

रायपुर
छत्तीसगढ़ राज्य ने एक नया कीर्तिमान कायम करते हुए बीते तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पाद की बिक्री में 1090 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पाद की बिक्री 1 करोड़ 26 लाख रूपए थी जो वर्ष 2018-19 में 8.7 फीसदी बढ़कर 1 करोड़ 37 लाख रूपए तक पहुंची थी। वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पादों की बिक्री 1 करोड़ 25 लाख रूपए की रही। वर्ष 2020-21 में विगत आंकड़ों से 70 फीसदी की वृद्धि के साथ छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पाद की बिक्री 2 करोड़ 15 लाख रूपए रही। वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ हर्बल के उत्पादों की बिक्री के लिए 7 करोड़ रूपए का लक्ष्य रखा गया तथा वित्तीय वर्ष के शुरूआती 9 माह में ही लक्ष्य के विरूद्ध 4 करोड़ 34 लाख रूपए के उत्पादों की बिक्री की जा चुकी है। यह 2017-18 के विरूद्ध 455 फीसदी ज्यादा है। इसी तरह से छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पादों की बिक्री के लिए 15 करोड़ रूपए का लक्ष्य रखा है और यह लक्ष्य साल 2017-18 की तुलना में 1090 फीसदी अधिक है ।

छत्तीसगढ़ राज्य सन 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना था, तब छत्तीसगढ़ को कोई जानता भी नहीं था परन्तु धीरे धीरे छत्तीसगढ़ अब हर क्षेत्र में आगे आते जा रहा है। उन्ही में से एक क्षेत्र है लघु वनोपज संग्रहण का क्षेत्र जिसमे छत्तीसगढ़ ने अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण और छत्तीसगढ़ हर्बल के उत्पाद की बिक्री का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ रहा है।

छत्तीसगढ़ हर्बल्स, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ की एक इकाई हैं। राज्य में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधन, जंगलो में और उसके आसपास रहने वाले व्यक्तियों, विशेषकर आदिवासियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ यह प्रयास कर रहा है कि मूल्यवान संसाधनों को छत्तीसगढ़ के स्थायी मॉडल में सुरक्षित और एकत्र किया जाए। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में 52 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है, जबकि तीन वर्ष पहले यहां सिर्फ 7 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर होती थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता और प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग के सकारात्मक दृष्टिकोंण की वजह से छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रोडक्ट आन लाइन माध्यम से पूरे भारत में बिक रहे हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ वनवासियों से 52 लघु वनोपज खरीदता है और 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। संघ ने उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिए राज्य के सभी प्रमुख जिलों में 30 संजीवनी केंद्र स्थापित किए हैं। वर्ष 2021-2022 के दौरान, छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए संघ ने विभिन्न नई रणनीतियों को अपनाया और नई बिक्री तकनीकों को लागू किया।

छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री के लिए सर्वप्रथम वितरण नेटवर्क प्रबंधन तैयार किया गया और इसके लिए एक निजी फर्म को काम दिया गया जिससे वितरण के लिए नए क्षेत्र खुले। मार्च 2021 में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अधिकृत वितरक के रूप में अवनि आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया गया । संजीवनी आउटलेट के प्रभावी प्रबंधन और उत्पादों की मजबूत आपूर्ति श्रृंखला से उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है तथा संरचित विज्ञापन और प्रचार-प्रसार से संजीवनी केन्द्रो और हर्बल उत्पादों की दृश्यता बढ़ी है द्य प्रचार के लिए विभिन्न विपणन सामग्रियों का उपयोग किया गया तथा समय-समय पर समाचार पत्र, होर्डिंग्स, सूचना पत्रक आदि का उपयोग किया गया।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों को डीलर, सब-डीलर और रिटेलर्स के माध्यम से ओपन रिटेल मार्केट नेटवर्क में प्रवेश मिला है और इससे उत्पादों को बाजार और ग्राहकों तक पहुंचना आसान हो गया। इसके लिए छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख जिलों में डीलरों की नियुक्ति की गई। इसके लिए वितरक द्वारा 9 माह में 15 डीलर नियुक्त किए गए। इसके अलावा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय स्तर की प्रदर्शनियों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपस्थिति ने विश्व स्तर पर उत्पादों की पहुंच का विस्तार किया है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडसफूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में भाग लिया जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ हर्बल्स को एक ब्रांड के रूप में स्थायित्व मिला है।

अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे आॅनलाइन प्लेटफॉर्म में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रवेश ने इसके उत्पादों की उपलब्धता देश भर में सुनिश्चित की है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स को देश के लगभग हर राज्य से आॅर्डर मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों को ग्रामीण ई-स्टोर के सीएससी नेटवर्क के साथ जोड?े से इसकी उपस्थिति ग्रामीण बाजार में भी सुनिश्चित हुयी है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ के अपने जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स धन्वन्तरी में भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपलभ्धता सुनिश्चित की जा रही है और उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग से यह ग्राहकों के लिए आकर्षक बनाया गया है। ग्राहकों की संख्या में वृद्धि करने के लिए प्रदेश भर में संजीवनी आउटलेट्स का नवीनीकरण किया गया और इससे ग्राहक आकर्षित भी हुए हैं। छत्तीसगढ़ हर्बल्स को व्यापक बनाने के लिए इसके अंतर्गत अनाज, मसाले, कुकीज, पर्सनल केयर आइटम आदि जैसी नई उत्पादों की श्रृंखला जोड़ी गयी है जिससे ग्राहकों को खरीदारी करने के लिए व्यापक रेंज की उपलब्धता सुनिश्चित हुयी है। इतना ही नहीं उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गिफ्ट हैंपर्स की प्रीमियम श्रंखला बनायी गयी है और इसकी उपलभ्धता सुनिश्चित कराई गयी है जिससे हर्बल उत्पादों का व्यवस्थित तरीके से प्रचार प्रसार हुआ है तथा ग्राहकों ने इन गिफ्ट हैंपर्स को हाथो हाथ अपनाया है।

छत्तीसगढ़ के वन प्राकृतिक संसाधनों से भरे हुए हैं, लेकिन यहां तक पहुंच न होने की वजह से इनका उपयोग भी सीमित था। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के कार्यकाल में इन प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को परखा गया और समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी गयी। छत्तीसगढ़ सरकार के वनवासियों के हित में काम करने के लिए भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ मर्यादित, भारत सरकार नई दिल्ली (ट्रायफेड) की ओर से छत्तीसगढ़ को लघु वनोपजों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत साल 2020-21 में अधिकतम वनोपजों को योजना में शामिल करने, भारत शासन की राशि से अधिकतम मूल्य की लघु वनोपजों के क्रय, भारत शासन एवं राज्य शासन की राशि से अधिकतम मूल्य की लघु वनोपजों के क्रय, उपलब्ध कराई गई राशि की वर्ष 2020-21 तक अधिकतम उपयोगिता, वन धन योजना के अंतर्गत अधिकतम सर्वेक्षण पूर्ण करने, वन विकास केन्द्र कलस्टरों हेतु अधिकतम प्रशिक्षण देने, मूल्य संवर्धन से अधिकतम उत्पादों के निर्माण, मूल्य संवर्धन कर उत्पादों के अधिकतम विक्रय के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया था।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत से अधिक हिस्सा वनक्षेत्र है। इन वनक्षेत्रों में तथा इसके आसपास रहने वाले वनवासियों के जीवन एवं आजीविका का मुख्य स्त्रोत वनोपज संग्रहण है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 7 वनोपजों के स्थान पर 52 वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी की सुदृढ व्यवस्था की है। इस योजना से प्रदेश के 6 लाख से अधिक वनोपज संग्राहक लाभान्वित हो रहे हैं और छत्तीसगढ़ पिछले दो वर्षों से देश में वनोपज खरीदी में प्रथम स्थान पर है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Získejte nejnovější tipy a triky pro domácnost, kuchařství a pěstování zahrady. Naše články vám poskytnou užitečné rady a nápady pro efektivní a zdravý životní styl. Buďte inspirací pro svou rodinu a přátelé s našimi užitečnými články a recepty! 5 věcí, které byste nikdy neměli dávat svému psu od Bývalý trenér J Muffin v hrnku za 5 minut: snadný Jak se Velký pátek 2025: 10 věcí, které byste měli vždycky dodržovat Zjistěte, jak se kočky mohou urazit: Překvapivé odpovědi od veterinářů Dubajský exkluzivní recept na čokoládovou sýrovou paštiku Nejužitečnější zelenina pro salát: Vitamínový komplex za pár haléřů! 5 nejlepších způsobů, jak chránit svůj trávník před škodlivým psem Jaké květiny vysadit v blízkosti rybízu pro Jak zvládnout vnitřní agresi: 6 užitečných rad Získejte nejnovější tipy a triky pro zlepšení vašeho každodenního života! Objevte nové recepty, kuchařské triky a úžasná fakta o zahradničení, které vám pomohou vytvořit úžasný oázu plnou chutí a zeleniny ve vaší zahradě. Buďte inspirací pro své okolí a získávejte neocenitelné znalosti, které vám pomohou dosáhnout dokonalého výsledku každý den!