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पहले वन रैंक वन पेंशन कह रहे थे, अब नो रैंक, नो पेंशन की बात हो रही – भूपेश

कुनकुरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले वन रैंक वन पेंशन कह रहे थे, अब नो रैंक, नो पेंशन की बात हो रही, अग्निवीर देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है क्योंकि जो युवा सेना में आएंगे वे 6 महीने में मार्च पास्ट बराबर भी सीख नहीं पाएगा और साढ़े तीन साल बाद रिटायर हो जाएगा। जशपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही क्लाइमेट को देखकर फसल उगाने की ट्रेनिंग दी जा सकती है। उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुनकुरी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि आज जशपुर विधानसभा का कार्यक्रम है, हम लगातार जनता से फीडबैक ले रहे हैं। कार्यों का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर बेहतर ढंग से हो रहा है। प्रशासनिक कसावट आई है। किसानों को योजनाओं का लाभ मिला है। कृषि के प्रति रुझान बढ़ा है। किसानों में संपन्नता आई है, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार काम हो रहा है। शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के साथ ही जशपुर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही क्लाइमेट को देखकर फसल उगाने की ट्रेनिंग दी जा सकती है। संस्कृति को बचाने के लिए देवगुडी के संरक्षण और जीर्णोद्धार सभी ब्लॉक में करने की घोषणा की है। हमने वन अधिकार पट्टा दिया है। मिलेट मिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोगों की दिक्कतें दूर करने, बेहतर आवागमन के लिए सड़क निर्माण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि अग्निवीर देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। सेना के साथ और नौजवानों के साथ खिलवाड़ है। 6 महीने में मार्च पास्ट बराबर भी सीख नहीं पाएगा। साढ़े तीन साल बाद रिटायर हो जाएगा। चार साल की नौकरी को कोई स्वीकार नहीं कर रहा है। पहले वन रैंक वन पेंशन कह रहे थे, अब नो रैंक, नो पेंशन की बात हो रही है।

श्री बघेल ने कहा कि राजस्व विभाग से लगातार शिकायतें मिल रही हैं इसे दुरुस्त किया जाएगा और जहां विसंगति है, उसे दूर करेंगे। जांजगीर- जिले में राहुल के रेस्क्यू आॅपरेशन में सभी का सहयोग रहा। डाक्टरों ने अथक मेहनत की। स्वस्थ होकर राहुल घर लौटे। आॅपरेशन की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। वन विभाग को फलदार पौधे लगाने के निर्देश हैं। पानी की सुविधा हो, वन्य प्राणियों के लिए भी। इस दिशा में नरवा कार्यक्रम से लाभ मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में निरंतर कार्य हो रहा है। बिजली बिल हाफ योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है। उद्योग के लिए स्थानीय जनता को निर्णय लेना होगा।

छत्तीसगढ़ को पहले नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता था। हमने इसे परिवर्तित करने की कोशिश की है। अब छत्तीसगढ़ की पहचान बदल रही है। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान बनी है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ, देवगुड़ी, आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन, पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने से एक नई पहचान बनी है। कुनकुरी में पत्रकार भवन के लिए 15 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा।

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