फर्जीवाड़ाः एक बार नहीं बल्कि 5 बार सिविल सर्जन ने लगवाया वैक्सीन, बूस्टर डोज भी लगवा लिया
पटना
बिहार में डोज लगाने के मामले में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बार किसी आम शख्स ने नहीं बल्कि वैक्सिनेशन की जिम्मेदारी निभाने वाली पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने किया। डॉ. विभा अलग-अलग डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर अब तक 5 कोविडशील्ड की 5 डोज ले चुकी हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन की 5 डोज के लिए सिविल सर्जन ने दो अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराए हैं। एक में आधार कार्ड तो दूसरे में पैन कार्ड का इस्तेमाल किया है।
साल 2021 के 17 जून को लिया था पहले रजिस्ट्रेशन पर दूसरा डोज साल 2021 के 17 जून को लिया था पहले रजिस्ट्रेशन पर दूसरा डोज उसके मुताबिक सिविल सर्जन ने केवल 350 दिन में ही 5 डोज ली है। पहले रजिस्ट्रेशन पर दो डोज के बाद और दूसरे पर दोनों डोज के साथ ही प्रिकॉशन डोज भी ली है।बता दें कि साल 2021 के 6 जनवरी को पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह को कोविडशील्ड की पहली डोज दी गई है। इसके लिए सिविल सर्जन ने अपना पैनकार्ड का इस्तेमाल किया है। सिविल सर्जन ने इसी रजिस्ट्रेशन पर 17 जून 2021 को दूसरी डोज भी ली।
दूसरे पहचान पत्र से 6 फरवरी को किया दूसरी बार रजिस्ट्रेशन दूसरे पहचान पत्र से 6 फरवरी को किया दूसरी बार रजिस्ट्रेशन वह 17 जून 2021 को दोनों डोज लेने के बाद फुली वैक्सीनेटेड का प्रमाण पत्र भी बेनिफिशियरी रिफरेंस आईडी से जारी कर दिया गया। प्रमाण पत्र में वैक्सीनेशन का स्थान गर्दनीबाग हॉस्पिटल और वैक्सीनेटर का नाम सुषमा कुमारी दर्ज है। सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने दूसरा रजिस्ट्रेशन अपने आधार कार्ड पर साल 2021 को 6 फरवरी को कराया है। 13 जनवरी को बूस्टर डोज भी ले लिया 13 जनवरी को बूस्टर डोज भी ले लिया आधार नंबर और यूनीक हेल्थ आईडी से 6 फरवरी 2021 को पहली डोज कोविडशील्ड की ली और 12 मार्च 2021 को दूसरी डोज लगवा ली। इसके बाद 13 जनवरी 2022 को प्रिकॉशन डोज भी ली। उन्हें 13 जनवरी 2022 को फुली वैक्सीनेटेड का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया।
मधेपुरा में बुजुर्ग ने 12 बार लगवाया टीका मधेपुरा में बुजुर्ग ने 12 बार लगवाया टीका फुली वैक्सीनेटेड के प्रमाण पत्र में पहली और दूसरी डोज के साथ प्रिकॉशन डोज का भी उल्लेख किया गया है।बता दें कि इससे पूर्व मधेपुरा के ब्रह्मदेव मंडल के 12 बार वैक्सीन की डोज लेने के बाद भारत सरकार के कोविन पोर्टल पर सवाल खड़ा हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया और फिर पुलिस ब्रह्मदेव मंडल की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में जुट गई। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को इस पर सफाई देनी पड़ी और जांच कराकर रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई।