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महाराणा प्रताप की जीवनी को पाठ्यपुस्तक में शामिल करें – अवधेश

रायपुर
महाराणा प्रताप सिंह की 483 जयंती पर अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा छत्तीसगढ़ ने उनको नमन करते हुए राज्य सरकार से उनकी जीवनी को पाठ्य पुस्तक में शामिल करने की मांग की है साथ ही राजधानी में महाराणा प्रताप की याद को चीरस्थायी बनाने के लिये भूमि की मांग की हैं जहां पर सामाजिक गतिविधयों का सुचारू रूप से संचालन किया जा सके।

महाराणा प्रताप की 483 जयंती पर सोमवार को अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा ने टाटीबंध स्थित महाराणा प्रताप की मूर्ति के पास कार्यक्रम का आयोजन किया। महासभा के अध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम, संगठन मंत्री राजेश सिंह, महामंत्री रामकुमार सिंह, राष्ट्रीय सचिव रविन्द्र सिंह ने महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर प्रदेश कोषाध्यक्ष सुनील सिंह, अखिलेश सिंह, सरोज सिंह, लेखमणी सिंह, संजीव सिंह, राकेश सिंह सहित क्षत्रिय समाज के अन्य गणमान्य  लोग भी उपस्थित थे। महाराणा प्रताप सिंह की जयंती पर समाज की ओर से शरबत वितरण, ठंडा पेयजल व मिष्ठान का वितरण भी किया गया।

इस अवसर अपने संक्षिप्त उदबोधन में अध्यक्ष अवधे सिंह गौतम और महामंत्री रामकुमार सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप का पूरा जीवन प्रेणादायी रहा है लेकिन दु:ख का विषय है कि इतिहास में उन्हें भूला दिया गया है जबकि देश की स्वतंत्रता में उनका भी अहम योगदान रहा हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि राज्य के प्रत्येक जिले में महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित की जाए साथ ही पाठ्यपुस्तक में महाराणा प्रताप की जीवनी को शामिल किया जाए ताकि यानी वाली पीढ़ी को उनके जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकें।

रामकुमार सिंह ने सरकार से मांग की है कि टाटीबंध के पास में स्थापित महाराणा प्रताप सिंह की भव्य प्रतिमा को अन्यंत्र स्थापित कर उसे एक अनुकरणीय रुप प्रदान किया जाए साथ ही राजधानी में महाराणा प्रताप सिंह ट्रस्ट बनाकर भूमि का आबंटन किया जाए ताकि यहां से क्षत्रीय समाज के सामाजिक व सेवा कार्यों का संचालन किया जा सकें। साथ ही यहां पर ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे कि महाराणा प्रताप सिंह के मूल्य और उनके महत्व को लोग यहां आने के बाद समझ सकें। इस अवसर पर शिवशंकर सिंह, कन्हैया सिंह, सत्यप्रकाश सिंह, संतोष सिंह, जग्गू सिंह ठाकुर, परमानंद सिंह, जयंत सिंह, रामविलास सिंह, नानू ठाकुर, महीप सिंह, संतोष सिंह, आनंद सिंह, मनोज सिंह, राजपुरोहित रंजीतनंदन मिश्रा, परमवीर सिंह और सत्येंद्र सिंह गौतम भी उपस्थित थे।

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