राज्य

ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी को लेकर सियासी बवाल के बाद मांझी ने मांगी माफी, तब भी कई बार फिसली जुबान

 पटना

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और हम के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी एक बार फिर अपने विवादास्‍पद बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। पूजा, देवता और ब्राह्मणों पर उनकी टिप्‍पणी से बिहार की सियासत में उबाल आ गया है। उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की थी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी दलों के अलावा एनडीए के प्रमुख दल भाजपा व जदयू ने भी मांझी की निंदा की। खुद को घिरता देख रविवार को मांझी ने अपने बयान पर माफी तो मांग ली लेकिन इस दौरान भी कई बार उनकी जुबान फिसली।

मांझी ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि जिस शब्द पर आपत्ति जाहिर की जा रही है, वह हमने अपने समाज के लोगों के लिये कहा था। ना कि किसी अन्य जाति के लोगों के लिए। लेकिन अगर, इसमें गलतफहमी हो गई है तो हम माफी चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हमने अपने समाज से कहा था कि आस्था के नाम पर आज करोड़ों लुटाये जा रहे हैं। दूसरी ओर गरीबों की भलाई के लिए जो काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है। जो अनुसूचित जाति के लोग हैं, पहले पूजा-पाठ पर उतना विश्वास नहीं करते थे। सिर्फ अपने देवी-देवाओं की पूजा करते थे। चाहे मां सबरी हो या दीना भद्री। पर,अब आपके यहां सत्यनारायण की पूजा कराने वाले भी आते हैं।

 आपलोगों को लाज-शर्म नहीं लगता है कि वे कहते हैं कि बाबू हम खाएंगे नहीं, नगद दे देना। फिर भी उन्हीं से पूजा कराते हैं। इस पर हमने अपने समाज को भला-बुरा कहा था। हमारा उद्देश्य था कि वे अपने देवता को छोड़ दूसरे की पूजा क्यों करते हैं? पूजा के नाम पर बर्बादी क्यों करते हैं? पत्रकार के सवाल पर मांझी ने कहा कि वे कभी पूजा नहीं करते हैं। हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि मांझी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

भाजपा नेता डॉ.भीम सिंह ने बताया दुर्भाग्‍यपूर्ण
राज्य के पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. भीम सिंह ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मांझी जैसे वरीय राजनेता का एक समाज विशेष के बारे में ऐसा बोलना दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है। उन्हें जातीय विद्वेष फैलाने वाले ऐसे वक्तव्य देने से सर्वथा बचना चाहिए था।
राजद ने एनडीए को घेरा

राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने एनडीए के एक वरिष्ठ नेता द्वारा हिन्दू धर्म और एक जाति विशेष पर की गई अमर्यादित टिप्पणी को घोर निन्दनीय कहा है। कहा कि एनडीए और विशेषकर सरकार के मुखिया को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। अन्यथा इससे यही समझा जायेगा कि उनकी सहमति से ही ऐसा अमर्यादित बयान दिया गया है।

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