पीएम मोदी जून में करेंगे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन, मंत्री नन्दी ने तय किया 100 दिन का एजेंडा
लखनऊ
कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने औद्योगिक विकास विभाग का कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का 91.06 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। बाकी काम पूरा होने पर मई अंत या फिर जून के पहले सप्ताह में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन कराया जाएगा। मंत्री नन्दी ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जिस तरह तीव्रता के साथ अब तक काम हुआ है, उसे और तेजी से बढ़ाया जाएगा। 100 दिन, छह महीने और साल भर के टास्क को निर्धारित कर जनता की भागीदारी के साथ पूरा करेंगे। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे फरवरी 2020 में काम शुरू हुआ। 36 महीने में सड़क बनती है, वहीं केवल 25 महीने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस के निर्माण का 91.06 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे बननी है, जिसकी घोषणा कुम्भ के कैबिनेट में की गई थी। 50 हजार करोड़ की सड़क बननी थी, जो अब 40,000 करोड़ में बनने जा रही है। गंगा एक्सप्रेस वे के लिए नवम्बर में एमओयू साइन किया गया है, जिसका शिलान्यास हो चुका है। गंगा एक्सप्रेस का काम शुरू करने और फाइनेंशियल क्लोजर के लिए छह महीने तक का समय दिया गया है। जून के बाद प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 36 महीने का समय दिया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे को गंगा एक्सप्रेस-वे के करीब है, जिसे जोड़ने का काम किया जाएगा। उन्होंने गंगा एक्सप्रेस वे को प्रयागराज से बढ़ाते हुए वाराणसी तक जोड़ने के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा। मंत्री नन्दी ने मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे से वाराणसी को भी जोड़ने और डीपीआर बनवाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में हवाई अड्डों से जुड़े व पर्याप्त कनेक्टिविटी के साथ विकसित हो रहे इन स्थानों में अब तक कुल 63 एमओयू जिनकी प्रस्तावित निवेश राशि 8838.68 करोड़ हो चुके है, 25 स्थानों पर भूमि को संबंधित को सौंपा जा चुका है। अलीगढ़ नोड लगभग फुल हो चुका है।
झांसी, लखनऊ और कानपुर में कार्य उत्तरोत्तर प्रगति पर
मेटल वर्क, हार्डवेअर, लेदर, टेक्सटाइल, रबर, ऑटोमोटिव, मशीन टूल्स, स्टील, प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक, रिपेयरिंग, मशीनरी ओवरहाल, लेड एसिड बैटरी ये वर्तमान में इस कॉरिडोर में आ चुकी इंडस्ट्री है। ड्रोन, स्वचालित मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक व जीरो प्रदूषण इंडस्ट्री, एयरोस्पेस हब और एरो इंजन क्लस्टर, विशेष कपड़े, बुलेटप्रूफ जैकेट, हथियार व उनके कंपोनेंट , पैराशूट, लैंड सिस्टम… ये सब उद्योग आ रहे हैं।