हेड कांस्टेबल से सहायक उप-निरीक्षक पद पर पदोन्नति अब हाईकोर्ट के निर्णय से बाधित
बिलासपुर
रायपुर जिले में हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ सरजू राम यादव को पूर्व में मिली दीर्घशास्ति उनके वेतन में से एक वेतनवृद्धि के बराबर की राशि की कमी एक वर्ष के लिए असंचयी प्रभाव से किये जाने के चलते पुलिस विभाग ने यादव को हेड कांस्टेबल से सहायक उप निरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इस फैसले से व्यथित होकर यादव ने अधिवक्ता अनादि शर्मा के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को दो हफ्ते के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं और साथ ही यह कहा है कि रायपुर रेंज में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर पदोन्नति इस याचिका में पारित होने वाले निर्णय के अधीन रहेगी।
छत्तीसगढ़ में हेड कांस्टेबलक से सहायक उप-निरीक्षक पद पर पदोन्नति कि परीक्षा 23 अप्रैल 2022 से शुरू होने वाली है। जिसमें रायपुर जिले में हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ सरजू राम यादव को वर्ष 2017 में मिली दीर्घशास्ति उनके वेतन में से एक वेतनवृद्धि के बराबर की राशि की कमी एक वर्ष के लिए असंचयी प्रभाव से किये जाने के चलते, पुलिस विभाग नें यादव को आगे होने वाले हेड कांस्टेबल से सहायक उप निरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था जिससे व्यथित होकर यादव नें हाईकोर्ट में अधिवक्ता अनादि शर्मा के माध्यम से याचिका प्रस्तुत करी थी जिसकी सुनवाई माननीय जस्टिस पी. सैम कोशी जी की एकल पीठ में हुई। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनादि शर्मा ने यह दलील पेश की कि प्रार्थी को दी गई सजा छोटी सजा की श्रेणी में आता है। इसके अलावा प्रार्थी की सजा की अवधि समाप्त हो जाने के कारण उन्हें पदोन्नति परीक्षा में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।
अधिवक्ता शर्मा ने कोर्ट को बताया कि पदोन्नति परीक्षा के एक दिवस पहले योग्यता सूची जारी करना विधिसंगत नहीं है और ऐसी सूची से ग्रसित कोई भी व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। इन तर्कों के आधार पर माननीय हाईकोर्ट ने राज्य शासन और पुलिस विभाग से 2 हफ्ते के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश जारी करते हुए कहा है कि तत्सम्बंद में आगे जारी की जाने वाली हेड कांस्टेबल से सहायक उप-निरीक्षक पद पर पदोन्नति कि सूची इस प्रकरण में पारित होने वाले निर्णय के अधीन रहेगी।