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10 सिखों के फेक एनकाउंटर के आरोपी 34 पुलिसवालों की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने की सख्‍त टिप्‍पणी

 लखनऊ
 
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पीलीभीत के वर्ष 1991 के दस सिखों के तथाकथित एनकाउंटर में मारे जाने के मामले में 34 पुलिसकर्मियों के जमानत प्रार्थना पत्रों को एक साथ सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया है। न्यायालय ने उनकी अपीलों पर अंतिम सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तिथि नियत की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल जमानत प्रार्थना पत्रों को खारिज करते हुए पारित किया। अपीलार्थियों की ओर से दलील दी गई थी कि मृतकों में कई का लम्बा आपराधिक इतिहास था। इस बिंदु पर न्यायालय ने आदेश में कहा है कि मृतकों में से कुछ का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था, ऐसे में सभी को आतंकी मानकर उन्हें उनके पत्नियों और बच्चों से अलग कर के मार देना किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता।

न्यायालय ने आगे कहा कि मृतकों में से कुछ यदि असामाजिक गतिविधियों में शामिल भी थे व उनका आपराधिक इतिहास था, तब भी विधि की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए था। इस प्रकार के बर्बर और अमानवीय हत्याएं उन्हें आतंकी बताकर नहीं करनी चाहिए थी।

 

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