राज्य

योजनाओं का जिले में बेहतर क्रियान्वयन के लिए केन्द्रीय राज्य मंत्री ने किया तारीफ

कांकेर
भानु प्रताप सिंह वर्मा राज्य मंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा आज जिला पंचायत कांकेर के सभाकक्ष में जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर आकांक्षी जिला के सूचकांकों-स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, कौशल एवं वित्तीय समावेशन तथा बुनियादी ढांचे में प्रगति की विस्तृत समीक्षा किया गया। स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण के क्षेत्र में जिले में बेहतर कार्य होने पर उनके द्वारा जिला प्रशासन की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं का लाभ गरीबों को मिले, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें तथा उनके जीवन में खुशहाली आये। उन्होंने बताया कि पूरे देश में 112 आकांक्षी जिले हैं, जिनमें से 10 जिले छत्तीसगढ़ से हैं, इन जिलों में योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करते हुए इन्हें सामान्य जिलों की श्रेणी में लाना है।

सांसद मोहन मण्डावी ने कहा कि सभी मिलकर विकास कार्यों को गति प्रदान करें, आम आदमी को लाभ पहुंचायें, ताकि उनके जीवन में बदलाव आ सके। उन्होंने कुलगांव में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की गई और इसके लिए जिला प्रशासन की तारीफ किया गया। संसदीय सचिव एवं कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिशुपाल शोरी ने कहा कि आकांक्षी जिला के सूचकांकों में प्रगति की मॉनिटरिंग का सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रगति के लिए उनके द्वारा जिला प्रशासन को बधाई दिया गया।

कलेक्टर चन्दन कुमार ने पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि सभी गर्भवती माताओं का शत-प्रतिशत पंजीयन एवं संस्थागत प्रसव के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, एक वर्ष में 10 हजार 766 संस्थागत प्रसव कराये गये हैं। नियमित टीकाकरण में शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजनांतर्गत 190 हाट-बाजारों में मरीजों का उपचार किये जा रहे हैं, जिसका बेहतर प्रतिसाद मिला है। कुपोषण मुक्ति के लिए भी लगातार प्रयास किया जा रहा है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को 15 दिवस तक देखरेख किया जाकर पोषणयुक्त गर्म पका नाश्ता, भोजन, दूध, दवाई, जांच की सुविधा नि:शुल्क प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् गर्भवती एवं पोषक माताओं को रागी का पौष्टिक हलवा एवं कोदो का खिचड़ी खिलाया जा रहा है। कांकेर जिले में वर्ष 2016 में शून्य से 05 वर्ष के बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 49.9 प्रतिशत था, जो 2021 में घटकर 36.1 प्रतिशत रह गया है। इस प्रकार जिले में कुपोषण दर में 13.8 प्रतिशत की कमी आई है। बैठक में भरत मटियारा, सतीश लाटिया, ब्रिजेश चौहान, वन मण्डलाधिकारी आलोक बाजपेई, अपर कलेक्टर एस.पी. वैद्य, जिला पंचायत के सीईओ सुमित अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे।

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