विदेश

गंभीर मेडिकल इमरजेंसी की तरफ बढ़ रहा है देश, दवाएं न होने से OPD सेवाएं ठप

कोलंबो
श्रीलंका में जरूरी दवाओं और चिकित्सा उपकरणों का आयात न हो पाने के कारण देश में मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बनती जा रही है। ये चेतावनी मशहूर ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लांसेट ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चिकित्सा सामग्रियों का अभाव 2022 में पूरे साल बना रहेगा। इस कारण जरूरी सर्जरी भी नहीं हो सकेगी। रिपोर्ट में ये अनुमान श्रीलंका के डॉक्टरों और सहायताकर्मियों से बातचीत के आधार पर लगाया गया है।

श्रीलंका के डॉक्टरों के संगठन ने दुनिया भर की मेडिकल संस्थाओं से मदद भेजने की अपील की है। उन्होंने बताया है कि पूरे देश में ओपीडी सेवाएं ठप होती जा रही हैं। फिलहाल डॉक्टर केवल आपातकालीन चिकित्सा कर पा रहे हैं।

श्रीलंका में मेडिकल इमरजेंसी के बन रहे हालात का सीधा संबंध देश के आर्थिक संकट से है। देश में विदेशी मुद्रा की कमी हो जाने के कारण हर तरह की वस्तुओं का आयात मुश्किल हो गया है। श्रीलंका अपनी खाद्य, ईंधन, और औषधि संबंधी लगभग 85 फीसदी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है। श्रीलंका सरकार ने विदेशी मुद्रा का संकट दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बातचीत शुरू की है। लेकिन संकेत हैं कि इसके पूरा होने में लंबा समय लगेगा। खुद श्रीलंका के नए वित्त मंत्री अली साबरी कह चुके हैं कि इसके पहले कि स्थितियां सुधरें, ये और बदतर होंग।

श्रीलंका रेड क्रॉस सोसायटी के मुताबिक देश में जिन दवाओं की भारी कमी हो चुकी है, उनमें रेबीज से लेकर बेहोश करने की दवा तक शामिल हैं। रेड क्रॉस के महानिदेशक महेश गुनासेकरा ने द लांसेंट को बताया- ‘दवाओं की कमी है। कई जगहों पर दुकानों में वे उपलब्ध नहीं हैं। ईंधन संकट के कारण बिजली की कटौती हो रही है। इस वजह से आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर मांग के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं। मुझे अंदेशा है कि ये संकट अगले छह महीनों तक इसी तरह जारी रहेगा। इसकी एक वजह यह भी है कि मेडिकल उपकरणों के लिए टेंडर जारी करना एक कठिन प्रक्रिया है, जिनके तहत सप्लाई आने में काफी वक्त लगता है।’

श्रीलंका के जिन मेडिकल संगठनों ने विदेशी संस्थानों से मदद की गुहार लगाई है, उनमें बाल रोग विशेषज्ञों और आईसीयू एवं बेहोशी विशेषज्ञों (एनेसथेसियोलॉजिस्ट्स) के संगठन शामिल हैँ। श्रीलंका मेडिकल एसोसिएशन भी ऐसी अपील कर चुका है। द लान्सेंट की रिपोर्ट के मुताबिक इलाज से संबंधित कई उपकरणों को कीटाणु-मुक्त करके डॉक्टर बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि आम तौर पर उनका एक ही बार इस्तेमाल होता है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक विश्व बैंक अगले चार महीनों में दवाएं खरीदने के लिए श्रीलंका को 30 से 60 लाख डॉलर तक की सहायता देगा। इसके अलावा भारत और चीन ने भी मदद करने का आश्वासन दिया है। लेकिन जब तक ये मदद अस्पतालों तक नहीं पहुंचती, वहां डॉक्टरों की मुसीबत बनी रहेगी। एक डॉक्टर ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर कहा- ‘डॉक्टरों का मनोबल गिरा हुआ है। इस बदहाली से वे डिप्रेशन जैसी स्थिति में हैं।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Hádanka pro ty, kteří mají výborný zrak: Najdete želvu Průvodce na 25 sekund: Tři rozdíly mezi obrázkem bowlingového Test IQ za 9 sekund: Musíte Jak prelstit kocoura a odhalit podvodníka s ocasem za Jste optimista nebo Všichni vidí vodopád, ale jen ti nejpozornější najdou lišku Super IQ test: najděte IQ test: Optický klam pro