विदेश

चिप निर्माण में चीन और जापान के बजाय अमेरिका को तरजीह दे रहा उद्योग: बाइडन

वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वैश्विक चिप निर्माण उद्योग अपने संयंत्र स्थापित करने के लिए चीन और जापान जैसे देशों की अपेक्षा उनके देश को तरजीह दे रहा है। बाइडन ने ओहायो के न्यू अल्बानी में ‘इंटल ग्राउंडब्रेकिंग साइट’ पर देश में इन कंपनियों के दो बड़े निवेश का जिक्र करते हुए कहा ‎कि चीन, जापान, उत्तर कोरिया और यूरोपीय संघ, ये सभी अपने देशों में चिप निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए अरबों डॉलर निवेश कर रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र के अग्रणी उद्योगपति हमें चुन रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अमेरिका अपने पुराने रंग में लौट आया है और नेतृत्व कर रहा है। इंटेल की नई निर्माण सुविधा की नींव रखे जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा ‎कि इंटेल यहीं ओहायो में भविष्य के एक कार्यबल का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस चिप का आविष्कार किया। राष्ट्रपति ने कहा, अमेरिका ने इसका आविष्कार किया। इसने नासा के चंद्रमा मिशन को संचालित किया। संघीय निवेश ने इन चिप को बनाने की लागत कम करने, बाजार और एक संपूर्ण उद्योग बनाने में मदद की। नतीजतन, करीब 30 साल पहले 30 प्रतिशत से अधिक वैश्विक चिप निर्माण अमेरिका में होता था।
उन्होंने कहा ‎कि फिर अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रीढ़ यानी निर्माण क्षेत्र खोखला हो गया। कंपनियों ने खासकर औद्योगिक मध्य पश्चिम से विदेशों में नौकरियां स्थानांतरित कर दीं। इसके परिणामस्वरूप, चिप अनुसंधान और डिजाइन में अग्रणी होने के बावजूद आज हम दुनिया के केवल 10 प्रतिशत चिप का निर्माण कर रहे हैं। बाइडन ने कहा कि लेकिन कोरोना वायरस के कारण इनके निर्माण की लागत बढ़ जाने के कारण उद्योगपति फिर से अमेरिका का रुख करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिकी कंपनी माइक्रोन ने आगामी 10 साल में कारखानों के निर्माण के लिए 40 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की है, जिससे देश में 40,000 नौकरियां पैदा होंगी और मेमोरी चिप बाजार में अमेरिका की साझेदारी 500 प्रतिशत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दो अन्य कंपनियों ग्लोबलफाउंड्रीज और क्वालकॉम ने अमेरिका में चिप का निर्माण करने के लिए चार अरब डॉलर की साझेदारी की घोषणा की।

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