जबलपुरमध्य प्रदेश

नौरादेही में सात पहुंची बाघों की संख्या, अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रयास

भोपाल
प्रदेश के नौरादेही अभयारण्य से अच्छी खबर सामने आ रही है। यहां बाघों की कुनबा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां बाघों की संख्या अब सात पहुंच गई है। कुछ साल पहले यहां पर कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाकर एक बाघ और एक बाघिन को छोड़ा गया था। इसके के बाद बाघिन ने यहां दो शावकों को जन्म दिया था। अब एक बार फिर बाघिन ने तीन और शावकों को जन्म दिया है जिससे यहां बाघों की संख्या दो से सात पहुंच गई है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश वन विभाग लगातार बाघों के संरक्षण को लेकर काम कर रहा है ताकि टाइगर स्टेट का दर्जा बरकरार रखा जा सके।

नौरादेही अभयारण्य तीन जिले की सीमाओं में फैला हुआ प्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य है। जो कि दमोह सागर, नरसिंहपुर व कुछ हिस्सा जबलपुर जिले में भी शामिल है। यहां पर बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे टाइगर रिजर्व बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए यहां पर आने वाले गांवों को भी विस्थापित किया जा रहा है ताकि वन्यप्राणियों के निवास के लिए इसे पूरी तरह से उपयुक्त बनाया जा सके। अधिकांश गांव यहां से अपने नये ठिकाने पर शिफ्ट भी हो गए है कुछ ही गांव का जाना शेष रह गया है।

इसी साल की शुरुआत में हुए एक सर्वे में यहां 39 प्रजातियों के विदशी पक्षी भी पाए गए थे। यहां किए गए दो दिवसीय सर्वे के दौरान सर्वेयरों ने जंगल के कई पहलुओं की जानकारी एकत्रित थी। जिसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए थे। नौरादेही अभयारण्य में पक्षियों का यह तीसरा सर्वे किया गया था जिसमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक व मध्यप्रदेश से वालंटियर पहुंचे थे। इतना ही नहीं पहले अफ्रीकी चीतों की लिए भी इस अभयारण्य पर विचार किया गया था।    

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