सीहोर। जिले की बुधनी विधानसभा में उपचुनाव को लेकर 13 नवंबर को होने वाले मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार-प्रसार का शोरगुल थम गया है। 11 नवंबर को शाम 6 बजे के बाद से प्रचार-प्रसार, सभाएं, रैलियां प्रतिबंधित हो गई हैं। इसके बाद अब सोशल मीडिया राजनीतिक दलों के लिए प्रचार-प्रसार का सहारा बनेगा। अगले 48 घंटे तक अब चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अपने लिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करके वोट मांगेंगे। यहां बता दें कि बुधनी विधानसभा के उपचुनाव में 19 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है, लेकिन समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी सहित निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव के मैदान में है। ऐसे में मुकाबला भी तगड़ा है।
भाजपा ने झोंकी ताकत, कांग्रेस ने भी दिखाया दम-
उपचुनाव में अपनी जीत का सिलसिला बनाए रखने के लिए जहां भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी तो वहीं कांग्रेस भी यहां पर दम दिखाती हुई नजर आईं। भाजपा उम्मीदवार रमाकांत भार्गव के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंदजी, मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक सहित संगठन के नेताओं ने लगातार मोर्चा संभाले रखा। कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल के लिए भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, उपचुनाव के प्रभारी पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल, जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती बुधनी विधानसभा में लगातार घूमें। हालांकि बुधनी उपचुनाव के प्रभारी बनाए गए जयवर्धन सिंह सहित अन्य आला नेताओं ने बुधनी से दूरी बनाए रखी। अब देखना यह है कि 23 नवंबर को कौन बुधनी विधानसभा का नया सरताज होगा और किसके माथे पर जीत का ताज होगा।
अब सोशल मीडिया की बारी-
चुनावी शोरगुल थमने के बाद अब राजनीतिक दलों का सहारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनेंगे। इसके माध्यम से अब चुनाव प्रचार करके वोट मांगे जाएंगे। सोशल मीडिया के माध्यम से उम्मीदवार अपने लिए वोट मांगेंगे। फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम सहित अन्य सोषल मीडिया प्लेटफार्म अब चुनाव प्रचार का नया माध्यम बनेंगे।
इधर बाहरी नेताओं, कार्यकर्ताओं को निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के निर्देश-
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 156-बुधनी विधानसभा उप निर्वाचन की घोषणा के फलस्वरूप आदर्श आचरण संहिता लागू है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बुधनी के लिए 13 नवम्बर 2024 को मतदान तिथि निर्धारित की गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रवीण सिंह ने निर्देश जारी किए हैं कि मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व अर्थात विधानसभा क्षेत्र बुधनी के लिए 11 नवम्बर 2024 को शाम 6 बजे से 14 नवंबर 2024 को शाम 6 बजे तक किसी भी प्रकार से किया जाने वाला चुनाव प्रचार, रैली, ध्वनि विस्तारक यंत्र, नुक्कड़ सभाऐं एंव आमसभाएं पूर्णतः प्रतिबंधित की गई हैं। चुनाव प्रचार प्रतिबंधित अवधि में राजनीतिक कार्यकर्ता, पार्टी कार्यकर्ता, जुलूस कार्यकर्ता, अभियान कार्यकर्ताओं आदि की उपस्थिति जो निर्वाचन क्षेत्र से बाहर से लाए गए हैं और जो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रवीण सिंह ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कल्याण मंडपों, सामुदायिक भवनों की जांच करें और यह पता लगाएं कि बाहरी लोगों को इन परिसरों में स्थान दिया गया है या नहीं। लॉज और अतिथि गृहों में रहने वालों की सूची पर नजर रखने के लिए उनका सत्यापन कराएं तथा निर्वाचन क्षेत्र की समस्त सीमाओं में जांच चौकियों की स्थापना कराएं। निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से आने वाले वाहनों पर नजर रखी जाए। लोगों के समूह की पहचान का सत्यापन करें, ताकि यह पता किया जा सके कि वे निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता है अथवा नहीं। इस दौरान किसी भी प्रकार की संदिग्ध परिस्थितियां पाए जाने पर उसका नियमानुसार निराकरण किया जाए।
भाजपा ने झोंकी ताकत, कांग्रेस ने भी दिखाया दम-
उपचुनाव में अपनी जीत का सिलसिला बनाए रखने के लिए जहां भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी तो वहीं कांग्रेस भी यहां पर दम दिखाती हुई नजर आईं। भाजपा उम्मीदवार रमाकांत भार्गव के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंदजी, मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक सहित संगठन के नेताओं ने लगातार मोर्चा संभाले रखा। कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल के लिए भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, उपचुनाव के प्रभारी पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल, जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती बुधनी विधानसभा में लगातार घूमें। हालांकि बुधनी उपचुनाव के प्रभारी बनाए गए जयवर्धन सिंह सहित अन्य आला नेताओं ने बुधनी से दूरी बनाए रखी। अब देखना यह है कि 23 नवंबर को कौन बुधनी विधानसभा का नया सरताज होगा और किसके माथे पर जीत का ताज होगा।
अब सोशल मीडिया की बारी-
चुनावी शोरगुल थमने के बाद अब राजनीतिक दलों का सहारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनेंगे। इसके माध्यम से अब चुनाव प्रचार करके वोट मांगे जाएंगे। सोशल मीडिया के माध्यम से उम्मीदवार अपने लिए वोट मांगेंगे। फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम सहित अन्य सोषल मीडिया प्लेटफार्म अब चुनाव प्रचार का नया माध्यम बनेंगे।
इधर बाहरी नेताओं, कार्यकर्ताओं को निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के निर्देश-
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 156-बुधनी विधानसभा उप निर्वाचन की घोषणा के फलस्वरूप आदर्श आचरण संहिता लागू है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बुधनी के लिए 13 नवम्बर 2024 को मतदान तिथि निर्धारित की गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रवीण सिंह ने निर्देश जारी किए हैं कि मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व अर्थात विधानसभा क्षेत्र बुधनी के लिए 11 नवम्बर 2024 को शाम 6 बजे से 14 नवंबर 2024 को शाम 6 बजे तक किसी भी प्रकार से किया जाने वाला चुनाव प्रचार, रैली, ध्वनि विस्तारक यंत्र, नुक्कड़ सभाऐं एंव आमसभाएं पूर्णतः प्रतिबंधित की गई हैं। चुनाव प्रचार प्रतिबंधित अवधि में राजनीतिक कार्यकर्ता, पार्टी कार्यकर्ता, जुलूस कार्यकर्ता, अभियान कार्यकर्ताओं आदि की उपस्थिति जो निर्वाचन क्षेत्र से बाहर से लाए गए हैं और जो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रवीण सिंह ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कल्याण मंडपों, सामुदायिक भवनों की जांच करें और यह पता लगाएं कि बाहरी लोगों को इन परिसरों में स्थान दिया गया है या नहीं। लॉज और अतिथि गृहों में रहने वालों की सूची पर नजर रखने के लिए उनका सत्यापन कराएं तथा निर्वाचन क्षेत्र की समस्त सीमाओं में जांच चौकियों की स्थापना कराएं। निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से आने वाले वाहनों पर नजर रखी जाए। लोगों के समूह की पहचान का सत्यापन करें, ताकि यह पता किया जा सके कि वे निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता है अथवा नहीं। इस दौरान किसी भी प्रकार की संदिग्ध परिस्थितियां पाए जाने पर उसका नियमानुसार निराकरण किया जाए।