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सलकनपुर में स्थानीय और बाहरी दुकानदारों में घमासान, एक-दूसरे का किया विरोध

- मंदिर समिति ने सभी दुकानदारों को दुकानें देने पर जताई असमर्थता

रेहटी। मां बिजासन धाम सलकनपुर में जहां अभी भोग प्रसादम् वाला विवाद थमा ही था कि अब नया विवाद सामने आ गया है। इस बार स्थानीय एवं बाहरी दुकानदार ही एक-दूसरे के खिलाफ आमने-सामने हो गए हैं और दोनों ने एक-दूसरे का विरोध भी जताया। दुकानों को लेकर विवाद की स्थिति गुरुवार देर शाम को उस समय बन गई, जब सीढ़ी मार्ग पर बैठे दुकानदारों को हटाया गया। इनमें से ज्यादातर महिलाएं दुकानें संचालित करती हैं। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं ने सीढ़ियों पर ही दुकानें लगा ली थीं, जिसके कारण पदयात्रियों को भी निकलने में परेशानियां आ रही थीं। सीढ़ी मार्ग पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारी ने जब इसको लेकर दुकानदारों को मना किया तो वहां पर विवाद की स्थिति भी बनने लगी। अधिकारी द्वारा तर्क दिया गया कि यदि कहीं यहां पर भगदड़ जैसी स्थिति निर्मित होती है तो श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने की जगह ही नहीं है। ऐसे में यहां पर दुकान नहीं लगाई जा सकती। विवाद की स्थिति बनने पर इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई। सूचना पर पुलिस भी सीढ़ी मार्ग पर पहुंची एवं विवाद को शांत कराया। फिलहाल सीढ़ी मार्ग पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को वहां से हटा दिया गया है।

विरोध जताया, किया प्रदर्शन –

गुरुवार देर शाम को शुरू हुआ यह विवाद अगले दिन शुक्रवार को भी दिनभर चलता रहा। सीढ़ी मार्ग से हटाए गए दुकानदार सुबह से ही मंदिर समिति के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बैठ गए। सड़क पर आकर भी चक्काजाम किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी चलती रही। दुकानदार सीढ़ी मार्ग पर दुकान लगाने को लेकर अड़े रहे, लेकिन मंदिर समिति एवं जिला प्रशासन ने उन्हें सीढ़ी मार्ग पर दुकान लगाने के लिए अनुमति नहीं दी। हंगामा होता रहा। इसके बाद मेला ग्राउंड में उन्हें दुकानें लगाने की अनुमति दी गई। बाद में स्थानीय दुकानदारों ने भी बाहरी दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सभी दुकानें बंद करके प्रदर्शन करने के लिए आ गए। स्थानीय दुकानदारों की मांग है कि बाहर के राज्यों से सैकड़ों की संख्या में आकर लोगों ने यहां पर दुकानें शुरू कर दी हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण यह लोग यहां की व्यवस्थाओं को बिगाड़ रहे हैं। स्थानीय दुकानदानों का कहना है कि ये लोग हमारी दुकानों के सामने ही दुकानें लगाकर बैठ जाते हैं। ऐसे में हमारे व्यापार पर असर पड़ता है।

नीचे से उपर तक लगी हैं सैकड़ों दुकानें –
सलकनपुर में सीढ़ी मार्ग पर नीचे से लेकर उपर तक सैकड़ों दुकानें संचालित हो रही हैं। इनमें से कई दुकानें ऐसी भी हैं, जो वर्षभर यहां पर रहती हैं। इन दुकानदारों को नवरात्रि का इंतजार वर्षभर रहता है, क्योंकि इन्हीं दिनों में इनकी कमाई होती है। ऐसे में कोई भी दुकानदार यह मौका नहीं छोड़ना चाहता। कई दुकानदारों की एक से अधिक दुकानें भी यहां पर लगती हैं। नवरात्रि शुरू होते ही इन दुकानदारों ने सीढ़ियों पर ही अपनी दुकानें लगा लीं। ऐसे में आने-जाने वाले लोगों के लिए भी यह परेशानी का सबब बनने लगीं।

दुकानों पर ये बोले जिम्मेदार –
सलकनपुर मंदिर समिति के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने कहा कि दुकानदारों द्वारा सीढ़ी मार्ग पर ही दुकानें लगा ली गईं। ऐसे में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानियां होती हैं। सलकनपुर में पहले से ही बड़ी संख्या में दुकानें हैं। उपर से नीचे तक सैकड़ों दुकानें हैं। हमारे पास भी दुकानों की संख्या सीमित है, ऐसे में सभी को दुकानें भी आवंटित नहीं कर सकते। रेहटी तहसीलदार भूपेंद्र कैलासिया ने कहा कि दुकानों को लेकर व्यापारियों की कुछ परेशानियां हैं, जिनको लेकर उनसे चर्चा की गई है एवं इसका जल्द ही कोई स्थायी हल निकाल लिया जाएगा। रेहटी थाना प्रभारी राजेश कहारे ने बताया कि सीढ़ी मार्ग पर लगी दुकानों को हटाने से विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी, लेकिन अब दुकानदारों को भी समझाईश दी गई है कि वे सीढ़ियों पर दुकानें नहीं लगाएं। सलकनपुर व्यापारी संघ के अध्यक्ष प्रखर नायक ने कहा कि सीढ़ी मार्ग पर दुकानदारों द्वारा लगाई गई दुकानों को हटाया गया है। इस संबंध में दुकानदारों से चर्चा की गई है। प्रशासन एवं मंदिर समिति से भी इस संबंध में चर्चा करके कोई बीच का रास्ता निकालकर दुकानें लगवाई जाएंगी। किसी का भी नुकसान नहीं होने देंगे। सलकनपुर चौकी प्रभारी भवानी सिंह सिकरवार ने कहा कि दुकानदारों द्वारा सीढ़ियों पर दुकान लगाने पर उन्हें वहां से हटाने को कहा गया तो कुछ समय के लिए विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। फिलहाल विवाद को शांत करा दिया गया है एवं इस संबंध में अब प्रशासन एवं मंदिर समिति निर्णय करेगी।

कांग्रेस नेता के पास पहुंची महिलाएं, बोली न्याय चाहिए-
सीढ़ी मार्ग पर दुकान लगाने वाली महिलाएं एवं कई अन्य दुकानदार उन्हें हटाने के बाद बुधनी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ’हनुमानजी’ के पास पहुंची एवं न्याय की गुहार लगाई। महिलाओं ने विक्रम मस्ताल शर्मा को बताया कि उन्हें वर्षभर नवरात्रि का इंतजार रहता है। इन्हीं दिनों में उनकी कमाई होती है। वे यहां पर वर्षों से दुकान लगाकर अपना एवं परिवार का भरणपोषण करती हैं और अब उन्हें नवरात्रि के पहले ही दिन यहां से हटा दिया गया है। ऐसे में वे कहां जाएंगी और अपना जीवनयापन कैसे करेंगीं। विक्रम मस्ताल शर्मा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी समस्या को लेकर कांग्रेस मोर्चा संभालेगी। विक्रम मस्ताल शर्मा ने कहा कि एक तरफ सरकार माताओं, बहनों के लिए लाडली बहना योजना चलाकर वाहवाही करवा रही है तो वहीं अब सलकनपुर में माताओं-बहनों के साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है। पहले स्व-सहायता समूह चलाने वाली महिलाओं को मंदिर परिसर से हटा दिया गया। अब उन्हें बाहर से ही अपने लड्डू बेचने पड़ रहे हैं तो वहीं अब दुकान लगाकर रोजी-रोटी कमाने वाली महिलाओं को भी हटा दिया गया है। यहां पर लगातार माताओं, बहनों का अपमान किया जा रहा है। उन्हें वर्षभर नवरात्रि का इंतजार रहता है और उन्हें अब हटा दिया गया है। यदि इसी तरह से महिलाओं, बहनों के साथ अत्याचार हुआ तो कांग्रेस पार्टी सलकनपुर में मुख्य द्वार पर बैठकर धरना देगी एवं प्रदर्शन करके चक्काजाम भी किया जाएगा।

 

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