Newsआष्टाइछावरजावरदेशधर्मनसरुल्लागंजबुदनीमध्य प्रदेशरेहटीसीहोर

श्री गणेश मंदिर, यहां होती है सबकी मनोकामना पूरी

सीहोर। जिले मेें स्थित श्री गणेश मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। यहां पर जो भी मनोेकामना मांगी जाती है वे सब पूरी होेती हैं। मनोेकामना मांगने से पहले यहां पर उल्टा स्वास्तिक बनाकर मुराद मांगी जाती है और फिर मनोकामना पूरी होने के बाद यहां आकर सीधा स्वास्तिक बनाया जाता हैै। गणेशोत्सव मेें यहां पर हर वर्ष मेेले का आयोजन होता है। सीहोर स्थित श्रीगणेश मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु-भक्त अपनी मनोकामना लेकर आतेे हैैं।
राजधानी से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीहोर जिला मुख्यालय पर चिंतामन श्रीगणेश मंदिर है। यह मंदिर देशभर में अपनी ख्याति और भक्तों की अटूट आस्था को लेकर पहचाना जाता है। चिंतामन सिद्ध भगवान श्री गणेश की देश में चार स्वयं भू-प्रतिमाएं हैं। इनमें से एक रणथंभौर सवाई माधौपुर राजस्थान, दूसरी उज्जैन स्थित अवन्तिका, तीसरी गुजरात में सिद्धपुर और चौथी सीहोर में चिंतामन गणेश मंदिर में विराजित हैं। यहां सालभर लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने आते हैं। इतिहासविदों की माने तो मंदिर का जीर्णाेद्धार एवं सभा मंडप का निर्माण बाजीराव पेशवा प्रथम ने करवाया था। शालीवाहन शक, राजा भोज, कृष्ण राय तथा गौंड राजा नवल शाह आदि ने मंदिर की व्यवस्था में सहयोग किया। नानाजी पेशवा विठूर के समय मंदिर की ख्याति व प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है।
उल्टा स्वास्तिक बनाकर मांगते हैं मन की मुराद-

श्रीगणेश मंदिर में मान्यता अनुसार श्रद्धालु भगवान गणेश के सामने अपनी मन्नत के लिए मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और मन्नत पूर्ण होने के पश्चात सीधा स्वास्तिक बनाते हैं। चिंतामन गणेश मंदिर पर प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी के दौरान दस दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर भगवान गणेश के दर्शन करते हैं।
सीवन के कमल पुष्प से बने हैं चिंतामन-
प्राचीन चिंतामन सिद्ध श्रीगणेश को लेकर पौराणिक इतिहास है। इस मंदिर का इतिहास करीब दो हजार वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि सम्राट विक्रमादित्य सीवन नदी से कमल पुष्प के रूप में प्रकट हुए भगवान गणेश को रथ में लेकर जा रहे थे। सुबह होने पर रथ जमीन में धंस गया। रथ में रखा कमल पुष्प गणेश प्रतिमा में परिवर्तित होने लगा। प्रतिमा जमीन में धंसने लगी। बाद में इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कराया गया। आज भी यह प्रतिमा जमीन में आधी धंसी हुई है। गणेशोत्सव में गणेश प्रतिदिन रूप बदलते हैं। भगवान का नित्य नया श्रृंगार किया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Joc de puzzle neobișnuit: găsiți Test de IQ simplu: găsiți rapid o greșeală Doar câțiva vor găsi: doar câțiva aleși vor Două regine, trei detalii: Descoperirea genială: rezolvarea rapidă Спортивные гении: найдите различия на изображениях игроков бейсбола Doar o minte genială ar putea rezolva corect Super Test IQ: Găsiți Cum să ajungi pe acoperiș: