राज्य

जेलों में बंदियों से मुलाकात पर लगी रोक, वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी पेशी

लखनऊ

शासन ने कोविड-19 और ओमिक्रान महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेलों में निरुद्ध बंदियों की उनके परिवारीजनों से मुलाकात तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव गृह एवं कारागार अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को इस संबंध में शासनादेश जारी किया। उन्होंने डीजी जेल से इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने को कहा है। इससे पहले कोविड-19 का प्रकोप थमने के बाद शासन ने कतिपय शर्तों के साथ 16 अगस्त 2021 से जेल में बंदियों से मुलाकात कराए जाने की स्वीकृति दी थी।

शासनादेश में अपर मुख्य सचिव ने सभी जेलों में कोविड-19 की एंटीजन टेस्टिंग एवं आरटीपीसीआर टेस्टिंग कराने तथा सभी बंदियों को टीके की दोनों डोज भी लगवाने का निर्देश दिया है। आदेश में कहा गया है कि जेलों में निरुद्ध सभी विचाराधीन एवं सिद्धदोष बंदियों की पेशी कोर्ट से अनुमति लेकर यथासंभव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कराने तथा कोर्ट में भौतिक उपस्थिति न्यूनतम रखी जाए। प्रदेश के ‌उन जिलों में जहां कोविड-19 या ओमिक्रान के संबंधी मामले पाए जाएं, उन जिलों में अस्थाई जेल बनाई जाए और गिरफ्तार होने वाले बंदियों को अनिवार्य रूप से 14 दिनों तक इन्हीं जेलों में रखा जाए। बंदी के अस्थाई जेल में प्रवेश के बाद आरटीपीसीआर टेस्टिंग में निगेटिव पाए जाने पर ही मुख्य जेल में भेजने की व्यवस्था की जाए। रिपोर्ट पॉजीटिव पाए जाने पर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया जाए। शासनादेश में सभी जेल भवनों एवं अस्थाई जेलों को लगातार सेनेटाइज किए जाने और बंदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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