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यूपी विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से ही क्यों दिया टिकट?

मंझनपुर (कौशांबी)

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को उनके गृह जनपद कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ाने की घोषणा के साथ प्रयागराज की इलाहाबाद उत्तर या फाफामऊ सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया। उन्हें सिराथू से टिकट क्यों दिया गया, इस पर कई तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। लेकिन उप मुख्यमंत्री के सियासी सफर पर नजर डालें तो साफ है कि इस सीट से मिली जीत से उनके सुनहरे सियासी सफर को रफ्तार मिली थी।

हम बात कर रहे हैं 2012 के विधानसभा चुनाव की। इस चुनाव में प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी की 22 सीटों में से एकमात्र सिराथू ही ऐसी थी, जहां से भाजपा को जीत मिली थी। इस सीट पर भाजपा की यह पहली जीत थी। इससे पूर्व के दो चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

2004 में अतीक अहमद के फूलपुर से सांसद बनने के बाद इलाहाबाद शहर पश्चिम सीट पर हुए उपचुनाव और इसी सीट पर 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में वह पराजित हो गए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव के दो साल बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें फूलपुर से प्रत्याशी बनाया। जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल कर फूलपुर सीट पर भी पहली बार भाजपा का कमल खिलाया था।

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