राज्य

अब मुख्य सचिव की अनुमति के बिना कोई भी विभाग डीएम से नहीं कर सकता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

पटना

मुख्य सचिव की अनुमति लेने के बाद ही अब सरकार का कोई भी विभाग किसी जिला पदाधिकारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) कर सकता है। बिना मुख्य सचिव से अनुमति लिये किसी भी विषय पर जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने पर रोक लगा दी गई है। इसको लेकर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिवों को मुख्य सचिव कार्यालय से लिखित दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

विभागों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव के द्वारा ऐसा पाया गया है कि उनकी अनुमति के बिना जिला पदाधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा रही है। इसके फलस्वरूप जिला पदाधिकारियों को कई महत्वपूर्ण कार्यों को संपादित करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। साथ ही जिलों में सामान्य कार्य भी प्रभावित होता है। विभागीय पदाधिकारियों को यह भी कहा गया है कि अगर किसी महत्वपूर्ण विषय पर जिला पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करना आवश्यक हो तो मुख्य सचिव की पूर्वानुमति प्राप्त कर ली जाये।
कुल 45 विभाग हैं

मालूम हो कि राज्य सरकार के अधीन कुल 45 विभाग हैं। इनके अंतर्गत बड़ी संख्या में योजनाएं चलती हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलों की अहम भूमिका होती है। ऐसे में विभागों के द्वारा जिलाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर योजनाओं की अद्यतन जानकारी प्राप्त करते हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक को लेकर जिलाधिकारियों को अपने कक्ष में ही बैठे रहना होता है। साथ ही जिलाधिकारी अपने साथ संबंधित जिले के पदाधिकारियों को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के पहले पूरी फाइल के साथ बुला लेते हैं। ऐसे में काफी समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चला जाता है।

मिली जानकारी के अनुसार कई बार ऐसा भी होता है कि एक दिन में दो या इससे अधिक बैठकें के लिए भी विभाग के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जिलों को निर्देश जाता है। इससे जिलों के पूर्व से निर्धारित कार्य प्रभावित होते हैं। इसी को देखते हुए मुख्य सचिव के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को लेकर सभी विभागों को निर्देश जारी किया है। मुख्य सचिव से अनुमति लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने से सीमित संख्या में ही यह हो सकेगा।
कोरोना काल में और बढ़ी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठकें आयोजित करने का सिलसिला तो कुछ साल पहले ही शुरू हो गया था। पर, कोरोना काल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की संख्या और भी बढ़ गई है। विभागों में आवाजाही भी कई दिनों तक प्रतिबंधित थी। इसको देखते हुए अधिकांश बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही होने लगी हैं।

यही वजह है कि अब राज्य मुख्यालय में किसी बैठक में भाग लेने के लिए जिलाधिकारियों अथवा अन्य को पटना आने की जरूरत नहीं होती है। इससे पदाधिकारियों की समय काफी बच जाता है। यहां तक की सचिवालयों में भी विभागों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्य सचिव की बैठके होती हैं।

बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा, 'जिलाधिकारियों के पास कई तरह के काम होते हैं, जिन्हें उन्हें समय पर पूरा करना होता है। ऐसे में विभागों के द्वारा बार-बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठकें करने पर जिलाधिकारी का काफी समय उसमें चला जाता है। ऐसे में काम प्रभावित होता है। इसलिए विभागों के पूर्वानुमति के बाद ही बैठकें करने को कहा गया है।'

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