चीन का आक्रामक रवैया बरकरार तवांग से मात्र 74 किमी दूर बड़ी संख्या में तैनात की सेना
बीजिंग । अरुणाचल प्रदेश राज्य में तवांग सीमा पर झड़प के बाद अब चीनी ड्रैगन के इरादे और खतरनाक दिखाई दे रहे हैं। चीन ने तवांग में झड़प वाले स्थल से मात्र 74 किमी की दूरी पर बड़े पैमाने पर सैनिकों की नई तैनाती की है। सैटलाइट तस्वीरों में चीनी सेना की इस खतरनाक चाल का खुलासा हुआ है। तस्वीरों से यह भी खुलासा हुआ है कि चीन ने अपने इस इलाके में विशाल सैन्य शिविर बना लिया है। यह सैन्य शिविर चीन के हाल ही में बनाए गए लहूंजे एयरपोर्ट के पास स्थित है।
इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीनी सेना ने दिसंबर में इस सैन्य शिविर को बनाया है। इससे पहले यह खेती करने का इलाका था। इससे पहले चीन और भारत की सेना के बीच 9 दिसंबर को जोरदार झड़प हुई थी। चीन के 300 के करीब सैनिकों ने तवांग के यांग्त्से में भारतीय सैन्य चौकी पर कब्जा करने की कोशिश की थी। इस झड़प में चीन और भारत दोनों ही देशों के कई सैनिक बुरी तरह से घायल हो गए थे। भारतीय जवानों के जोरदार पलटवार की वजह से चीनी सैनिकों को भागना पड़ा था।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में चीन फिर ऐसा दुस्साहस कर सकता है और भारत को इसके लिए अलर्ट रहना होगा। उनका कहना है कि यह चीन की सलामी स्लाइसिंग रणनीति का हिस्सा है। चीन भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश करता है या विवादित क्षेत्र को अपना बता देता है जिसे लंबे समय से नो मेन्स लैंड माना जाता रहा है। साल 2020 में गलवान हिंसा के बाद अब भारत और चीन के बीच अक्सर झड़प होती रहती है। 2020 की शुरुआत में चीन ने तिब्बत में एक व्यापक सैन्य अभ्यास किया था।
चीन ने दो डिविजन सेना को तैनात किया और भारतीय इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश की। बाद में गलवान हिंसा हुई जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 के करीब जवान मारे गए थे। इसके बाद से लेकर अब तक दोनों ही देशों के करीब 60 हजार सैनिक पूरी तरह से हथियारों से लैस होकर एलएसी पर आमने सामने खड़े हैं। भारत और चीन के बीच विवाद को खत्म करने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई भी रास्ता नहीं निकला है। चीनी सेना पीछे जाने के लिए तैयार नहीं है।