विदेश

यूक्रेन युद्ध में पुतिन के साथ किम जोंग उन… उत्तर कोरिया ने जापान की तरफ ‘दागी’ बैलिस्टिक मिसाइल

प्योंगयोंग
सनकी तानाशाहों से दुनिया हमेशा से परेशान रही है और सनकी तानाशाहों की वजह से दुनिया में कई विनाशक युद्ध हो चुके हैं, जिनमें लाखों लोग मारे गये हैं। हिटलर ने लाखों को मरवाया और आज के जमाने में भी कई ऐसे हिटलर हैं, जिनकी बदौलत लाखों लोग कभी भी मारे जा सकते हैं। यूक्रेन में पहले ही लड़ाई चल रही है और अब उत्तर कोरिया के तानाशाह ने पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार विनाशक मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसका निशाना जापान की तरफ था।

जापान की तरफ मिसाइल परीक्षण
उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में समुद्र की तरफ एक अज्ञात मिसाइल का परीक्षण किया है और दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने शनिवार को उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा कि, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुनाव से कुछ दिन पहले एक स्पष्ट मिसाइल परीक्षण किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया का ये मिसाइल परीक्षण जापानी सागर में किया गया है और इस मिसाइल परीक्षण को मिलाकर पिछले दो महीने में उत्तर कोरिया 9वीं बार मिसाइल परीक्षण कर चुका है। वहीं, जापानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि, 'उत्तर कोरिया ने एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है, ज्यादा जानकारी का हम इंतजार कर रहे हैं।'

पिछले हफ्ते भी मिसाइल परीक्षण
पिछले हफ्ते भी उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया था, जो उसका इस साल का आठवां मिसाइल परीक्षण था और अब किम जोंग उन ने 9वां मिसाइल परीक्षण किया है। कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि, उत्तर कोरिया अपनी हथियार टेक्नोलॉजी को पूरा करने की कोशिश कर रहा है और उत्तर कोरिया अब इस प्लान में लगा हुआ है कि, वो संयुक्त राज्य अमेरिका पर अपने खिलाफ लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए दबाव बनाए। उत्तर कोरिया अब इस कोशिश में लगा हुआ है कि, वो अमेरिका के साथ हथियार निरस्त्रीकरण को लेकर मोल-भाव कर सके। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, यूक्रेन संकट की वजह से अमेरिका भारी दबाव में है और उत्तर कोरिया की कोशिश है कि, यूक्रेन संकट का फायदा वो अमेरिका पर और भी ज्यादा दबाव बनाने में इस्तेमाल करे, ताकि अमेरिका उसके साथ मोलभाव करने के लिए तैयार हो जाए।

अमेरिका ने की परीक्षण की निंदा
वहीं, अमेरिका के विशेष दूत सुंग किम ने उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की निंदा की है, और कहा कि, उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन किया और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा पेश किया है। आपको बता दें कि, उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, जिसने अपने हथियार कार्यक्रमों पर देश पर प्रतिबंध लगाए हैं।
 
यूक्रेन युद्ध में रूस के साथ तानाशाह
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद उत्तर कोरिया ने रूस का समर्थन किया था। उत्तर कोरिया ने यूक्रेन युद्ध पर रूस का समर्थन करते हुए अमेरिका की जमकर आलोचना की थी और उसके ठीक एक दिन के बाद बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण भी कर दिया था। उत्तर कोरिया ने रूस को समर्थन देते हुए कहा था कि, "यूक्रेन की घटना का मूल कारण संयुक्त राज्य अमेरिका की मनमानी है, जिसने सुरक्षा गारंटी के लिए रूस की वैध चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया है और केवल अपने प्रतिबंध अभियानों से चिपके रहते हुए वैश्विक आधिपत्य और सैन्य प्रभुत्व को बढ़ावा दिया है"।

यूएनजीए में रूस के पक्ष में वोटिंग
अमेरिका के खिलाफ ये बयान उत्तर कोरिया के अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर उत्तर कोरिया सरकार द्वारा संचालित संस्थान के शोधकर्ता री जी सोंग ने दिया था और उनके बयान को उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया था। री जी सोंग ने वाशिंगटन पर "अहंकार" और "दोहरे मानदंड" अपनाने का आरोप लगाया था। वहीं, उत्तर कोरिया ने यूएनजीए में वोटिंग के साथ रूस के समर्थन में वोट डाला था।

जापान में हड़कंप
पिछले हफ्ते जब उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण किया था, तब जापानी रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने कहा था कि, ''जिस वक्त पूरी दुनिया यूक्रेन संकट में फंसी हुई है, उस वक्त अगर उत्तर कोरिया ने जानबूझकर मिसाइल प्रक्षेपण किया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से विचलित है, ऐसे में उत्तर कोरिया का ये कृत्य बिल्कुल अक्षम्य है।" उन्होने कहा था कि, "(उत्तर कोरिया का) उद्देश्य जो भी हो, लेकिन, उत्तर कोरिया के बार-बार मिसाइल प्रक्षेपण बिल्कुल अक्षम्य हैं और हम उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु प्रगति को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।" वहीं, दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने भी कहा था कि, उन्होंने उत्तर की राजधानी क्षेत्र से प्रक्षेपण का भी पता लगाया और इस पर "गहरी चिंता और गंभीर खेद" व्यक्त किया था।

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