Newsआष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीरेहटीसीहोर

Sehore News : उल्लास के साथ मनाया धर्मचक्र परिवर्तन दिवस

सीहोर। सीहोर के गंज स्थित डॉ. अंबेडकर पार्क में हर्षाेल्लास के साथ आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर धर्म चक्र परिवर्तन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा एवं भगवान बुद्ध के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कैंडल जलाकर बुद्ध वंदना का पाठ किया गया एवं उपस्थित जनों द्वारा भगवान बुद्ध की करुणा हो, डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर अमर रहे के नारों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत कर एक-दूसरे को अशोक विजय दशमी त्यौहार की बधाई दी गई। कार्यक्रम के आयोजक भारतीय बौद्ध महासभा के जिला सचिव अनिकेत सिलवट द्वारा अतिथियों का पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ. अनीस खान थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण परिषद के प्रदेश महामंत्री नरेन्द्र खंगराले ने की। कार्यक्रम के विशेष अतिथि मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव तत्कालीन पार्षद आरती नरेन्द्र खंगराले एवं जिलाध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ शुभम कचनेरिया थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अनीस खान ने कहा कि 14 अक्टूबर 1956 को भारतीय संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर द्वारा नागपुर की पावन भूमि पर दस लाख दलित लोगों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। उनकी याद में धर्म चक्र परिवर्तन दिवस पूरे देश में हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेन्द्र खंगराले ने कहा आषाढ़ पूर्णिमा अशोक विजय दशमी के दिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट सारनाथ में महात्मा गौतम बुद्ध द्वारा अपने पांच तपस्वी शिष्यों को दिए गए प्रथम उपदेश को ध्यान में रखकर धर्मचक्र परिवर्तन दिवस मनाया जाता है। यह दिन बौद्ध और हिंदुओं दोनों के द्वारा अपने-अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। विशेष अतिथि आरती खंगराले ने कहा कि बाल अवस्था से लेकर युवावस्था तक दुनिया के छटे विचारक, विधि ज्ञाता, प्रोफेसर, रक्षा सेना सचिव, कानून, श्रम, लोकनिर्माण, भारत सरकार के मंत्री, संविधान निर्माता रहे डॉ. अंबेडकर ने निम्न जाति में पैदा होकर इन सारे पदों पर रहते हुए भी छुआछूत का सामना किया था। विशेष अतिथि शुभम कचनेरिया ने कहा कि डॉ. साहेब ने उस समय सामाजिक दंश तथा घोर अपमान का घूट पीते हुए त्रस्त होकर कहा था कि मैं हिन्दु धर्म में पैदा हुआ हूं, यह मेरे बस की बात नहीं थी, किन्तु हिन्दु रहकर मरुंगा नहीं यह मेरे बस की बात है। इसी कारण से उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया था। उनकी याद में आज के दिन नागपुर की दिक्षा भूमि तीर्थ स्थल पर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री देश के राजनेता एकत्रित होकर उन्हें नमन करने पहंुचते हैं। कार्यक्रम का संचालन टीएस बौद्ध द्वारा किया गया। अंत में आभार व्यक्त विश्राम सिंह धनवारे ने किया। इस अवसर पर भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष हेमंत भारती, पन्नालाल खंगराले, डॉ. अमान खान, दीपक सोनकर, सुरेश सिलावट, घनश्याम यादव, पुनाराम भुमियां, मीराताई बौद्ध, विजय वर्के, शोभाराम अहिरवार, मुन्नालाल निरंजन, घनश्याम जाटव, अनिल धनवारे, प्रमोद सेन, अटल यादव इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button